When will PVT Hospital improve: This Jalandhar hospital has been accused

कब सुधरेंगे PVT हॉस्पिटल : जालंधर के इस हॉस्पिटल पर लगा covid-टेस्ट के ज्यादा पैसे बसूलने का आरोप

Crime Latest Punjab

जालंधर (पंजाब 365 न्यूज़ ) : कोरोना काल में यहाँ लोगों को जान के लाले पड़े हुए है और हज़ारों की संख्या में लोग इस महामारी से जान गंवा रहे है वहीं कुछ हॉस्पिटल ऐसे है की जो पैसे बनाने के चक्कर में लोगो को ही लूट रहे है। अब जब मुद्दा गर्म हुआ तो टैगोर अस्पताल को ओवर चार्जिंग के पैसे लौटाने का आदेश दिया गया है।


जानकारी के अनुसार टैगोर अस्पताल के अलावा अतुल्य लैब की तरफ से भी लोगों से ओवरचार्जिंग की जा रही थी। जांच में पता चला था कि सरकार की तरफ से पहले कोविड के RT-PCR टेस्ट के फिक्स के 450 से ज्यादा रुपए वसूले जा रहे थे। इसके अलावा अतुल्य लैब में जांच के दौरान पता चला कि वहां वैक्सीनेशन के लिए अलग रूम नहीं है। वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट का भी सही ढंग से डिस्पोजल नहीं किया जा रहा। अतुल्य लैब की यह करतूत दूसरी बार सामने आई है। पहले वो उस वक्त के तय 900 रुपए सरकारी रेट की जगह कोविड टेस्ट के 1200 रुपए वसूल रहे थे। अब इस लैब की मान्यता रद्द करने के लिए भी लिखा जा रहा है।
कोविड मरीजों के टेस्ट करने और उनसे जयादा पैसा बसूलना टैगोर हॉस्पिटल को महंगा पड़ गया है। शिकायत करता की शिकायत पर जब जांच पड़ताल की गयी तो ज्यादा पैसे बसूलने की बात सही साबित हुई है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर अस्पताल को 90 लोगों से वसूले ज्यादा रुपए लौटाने को कहा गया है। इसके अलावा कोविड टेस्ट की ओवरचार्जिंग के मामले में अतुल्य लैब के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखने के साथ इसकी मान्यता खत्म करने के लिए भी संबंधित अथॉरिटी को सिफारिश भेजी जाएगी।

टेस्ट के लिए 900, रूपए :
काेराेना काल में टैगोर अस्पताल ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए 90 से अधिक मरीजों से 150 रुपए तक अधिक ले लिए। शिकायत के बाद जांच में अधिक रुपए लेने का मामला सही निकला। डीसी घनश्याम थाेरी ने मरीजों को उनके रुपए वापस किए जाने के आदेश दिए हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इसे गलती बताते हुए प्रशासन को अलग-अलग सेवाओं के लिए फीस वसूलने संबंधित सरकार के दिशा-निर्देशों का पालना करने का भरोसा भी दिलाया है। डीसी को एक युवक ने कुछ दिन पहले टैगोर अस्पताल में टेस्ट के 450 की बजाय 900 रुपए लिए जाने की शिकायत की थी। प्रशासन ने मामले की जांच पब्लिक ग्रीवेंस अधिकारी रणदीप सिंह गिल को सौंपी। शिकायत सही होने पर मैनेजमेंट को तलब किया गया।

तब बताया गया कि टेस्टों के लिए सैंपल एकत्रित करने के खर्च सहित गलती से 600 से 900 रुपए तक लिए गए हैं। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने 20 अप्रैल के बाद से टेस्ट करवाने वाले सभी मरीजों को रुपए वापस करने का भरोसा दिलाया है। 90 से ज्यादा लोगों ने 450 की बजाय 600 रुपए अदा किए थे। वहीं, प्रशासन ने मैस. अतुल्या लैबज के खिलाफ काेविड-19 की जांच में अाेवर-चार्जिंग का मामला दूसरी बार पकड़ा है, डीसी ने कहा- प्रशासन की ओर से लैब के क्लेक्शन सेंटर की मान्यता रद करने के लिए संबंधित अथाॅरिटी काे लेटर जारी किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *