
बिजली संकट पर सियासत : बिजली ट्वीट के मुद्दे पर घिर गए सिद्धू
अमृतसर (पंजाब 365 न्यूज़ ) : पंजाब में बिजली संकट गहराता जा रहा जा है। शुक्रवार को रोपड़ थर्मल प्लांट की एक यूनिट तकनीकी कारणों से बंद हो गई। पहले से ही बिजली की किल्लत झेल रही प्रदेश सरकार की मुसीबत और बढ़ गई है।सिद्धू ने अरविंद केजरीवाल के दिल्ली मॉडल पर भी निशाना साधा और पंजाब के लिए ओरिजनल मॉडल की बात कही। उन्होंने कहा कि बिजली सब्सिडी के तौर पर दिल्ली केवल 1699 करोड़ देती है, जबकि पंजाब नौ हजार करोड़ की सब्सिडी देता है। इसलिए कॉपी किए माडल की जगह पंजाब को खुद का ओरिजनल मॉडल चाहिए।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार हमलावर विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में बिजली संकट के मामले में भी शुक्रवार को कैप्टन पर निशाना साधा और बिजली संकट से उबरने की सलाह दी। सिद्धू ने संकट के लिए कैप्टन और पिछली अकाली-भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को जिम्मेदार ठहराया।
नवजोत सिंह सिद्धू भले ही राज्य में बिजली कटों के मुद्दे पर ट्वीट पर ट्वीट कर रहे हैं लेकिन वह खुद पावरकाम के डिफाल्टर हैं। अंतिम तिथि गुजर जाने के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू ने 8.5 लाख का बिजली बिल जमा नहीं किया है।
पंजाब के लोग इस समय बिजली कटों से बेहाल हैं। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन सरकार को घेरते हुए कई ट्वीट किए हैं। हैरानी वाली बात यह है कि एक तरफ सिद्धू महंगी बिजली पर सरकार को घेर रहे हैं और दूसरी तरफ उन्होंने अपनी ही कोठी का अभी तक 8.67 लाख रुपये का बिजली बिल नहीं भरा है। इसकी दो जुलाई को आखिरी तारीख थी।
नवजोत सिद्धू विभागीय रिकार्ड के मुताबिक डिफाल्टर चल रहे हैं। पावरकाम के मुताबिक 15 दिसंबर, 2020 को सिद्धू को 15,86,730 रुपये बिल, 18 जनवरी को 16,55,880 रुपये, 18 फरवरी को 17,10,870 रुपये और 19 मार्च को 17,58,800 रुपये बिल जारी हुआ। विभाग के मुताबिक, सिद्धू ने मार्च का बिल जारी होने के बाद ही 10 लाख रुपये बिजली का बिल जमा करवाया। फिर 20 अप्रैल को उनका 7,89,310 रुपये का बिल और 22 जून को 8,67,540 रुपये बिल जारी हुआ। इसके भुगतान की अंतिम तारीख दो जुलाई थी, लेकिन शाम तक इसे जमा नहीं करवाया गया।
सिद्धू ने लिखा- कानूनी संरक्षण होने के कारण पंजाब इन पीपीए पर फिर से बातचीत नहीं कर सकता है लेकिन पंजाब विधानसभा किसी भी समय नेशनल पावर एक्सचेंज पर उपलब्ध कीमतों पर बिजली खरीद लागत के लिए नया कानून ला सकती है। कानून में संशोधन करने से ये समझौते खत्म हो जाएंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू के घर उनके नाम पर खाता नंबर-3002908209 के तहत चल रहा बिजली का कनेक्शन 40-50 किलोवाट के करीब है। मीडियम सप्लाई (एमएस) के तहत उनके घर लगे थ्री फेस मीटर की रीडिंग लेने के लिए निजी कंपनी का मीटर रीडर नहीं जाता। विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) या सब डिवीजनल अधिकारी (एसडीओ) खुद मीटर रीडिंग लेने जाता है।
पावरकाम के कानून के मुताबिक यदि किसी उपभोक्ता का बिजली बिल ड्यू डेट तक न भरा जाए तो एक या दो सप्ताह के बाद बिजली कनेक्शन काट दिया जाता है। आम उपभोक्ता का बिल लाखों में न होकर हजारों रुपये में ही पेंडिंग होने पर पावरकाम के कर्मचारी बिजली का कनेक्शन काट देते हैं।
पावरकाम के चीफ इंजीनियर सकतर सिंह का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू एक जिम्मेदार नागरिक हैं, लेकिन उनका साढ़े आठ लाख रुपये से ज्यादा का बिल बकाया है। बिल का भुगतान समयबद्ध जरूरी है। यदि कोई उपभोक्ता पावरकाम का बिल समय पर जमा नहीं करवाता तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। इस मामले में जो भी कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी।