Political color in Punjab

BREAKING NEWS :पंजाब में सियासी रंग : इन दो बड़ी पार्टियों का हुआ गठबंधंन

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पंजाब (पंजाब 365 न्यूज़ ) : बहुत दिनों से खबरे आग पकड़ रही थी की पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो सकता है। आपको बता दे की केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन के चलते सितम्बर 2020,में ही SAD, ने BJP, से किनारा कर लिया था। जबकि उसके बाद से ही SAD, किसी और राजनितिक दल से गठबंधन के बारे में सोच रहे थे । इसी बीच आज एलान हो गया की SAD, ने बसपा से गठबंधन कर लिया है। अब उत्तर प्रदेश की पूर्व CM, और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह की पार्टियां नज़दीक आ गयी है। इन दोनों पार्टिओं में गठबंधन हो गया है।
अगर चुनाव जीते तो डिप्टी CM दलित होगा :
आपको बता दे की पंजाब में दलितों का 34% वोट बैंक है और SAD, के प्रधान सुखबीर सिंह बादल इस बात का एलान कर चुके हैं की अगर इस बार पंजाब में उनकी सरकार बनती है तो डिप्टी CM, दलित में से ही बनेगा। पिछले कुछ दिनों से SAD, और बसपा में गठंबंधन को लेकर बैठकों का दौर चल रहा था। अब दोनों दलों के बीच गठबंधन हो गया है।

25 साल बाद हुए एक :
आपको बता दे की SAD, और भाजपा पहले मिल कर पंजाब में चुनाव लड़ते थे लेकिन तीन कृषि कानूनों के चलते SAD, ने भजपा से किनारा कर लिया था और उनके साथ गठबंधन तोड़ दिया था। अब भाजपा से गठबंधन टूटने से ही SAD,और बसपा 25, साल बाद फिर से गठबंधन कर के एक साथ चुनाव लड़ेंगे।

मिलेगी 20, सीटें :
जैसे ही गठबंधन का एलान हुआ साथ ही सीटों का भी एलान कर दिया की कोण कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। सुखबीर ने कहा की पंजाब विधानसभा चुनाव में कुल 117, सीटें है जिनमे 20, सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी बल्कि 97, सीटों पर खुद SAD, मैदान में उतरेगा।
इस अवसर पर बसपा नेता सांसद सतीश मिश्रा ने कहा की पंजाब की सियासत में ये ऐतिहासिक दिन है जब बसपा और SAD, का गठबंधन हुआ है अब पंजाब की ये सबसे बड़ी राजनितिक पार्टी बन गयी है। 1986, में जब दोनों पार्टिओं ने मिल कर लोकसभा चुनाव लड़ा था तो 13, सीटों में से 11, पर जीत हासिल की थी।

बीएसपी के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रुपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आयी हैं

पंजाब में करीब 33% दलित वोट हैं। बीएसपी के सहारे शिअद दलित वोट हासिल कर एक बार फिर सत्ता में आने की तैयारी में है। अकाली दल ने दलित वोट बैंक लुभाने के लिए एलान कर रखा है कि 2022 में अकाली दल की सरकार बनने पर उप-मुख्यमंत्री दलित वर्ग से बनाया जाएगा। बहुजन समाज पार्टी 25 साल से पंजाब में विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ रही है लेकिन कभी भी बड़ी जीत हासिल नहीं कर पाई। चुनाव में बसपा के उम्मीदवार वोट काटकर दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों की हार-जीत का कारण बनते रहे हैं।

एक दिन पहले अकाली दल के ‘मुलाजम मोर्चा’ (कर्मचारी मोर्चे) की बैठक में पार्टी के नेताओं ने बादल को एक ज्ञापन सौंपा । पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी केवल ऐसी मांगों को ही अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी, जिन्हें सत्ता में आने पर पूरा किया जा सके । पार्टी 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अक्टूबर तक अपना घोषणापत्र तैयार कर लेगी. बादल ने कांग्रेस पर सत्ता प्राप्त करने के लिए लोगों से झूठे वादे करने और उन्हें धोखा देने का भी आरोप लगाया ।

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