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112 साल की उम्र में भी दे दी कोरोना को मात , पूछने पर बोली मैंने पुरानी खुराकें खाई है

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जालंधर (पंजाब 365 न्यूज़ ) : कोरोना महामारी की पकड़ में हर उम्र के लोग आये है ,चाहे व बड़े हो बच्चे हो या बुजुर्ग इस बीमारी ने किसी को नहीं छोड़ा है। हर किसी को अपनी चपेट में लिया है। लेकिन जब से लॉक डाउन लगा है कोरोना के ग्राफ में कमी आ रही है। लेकिन फिर भी इस से सावधानी रखना बहुत जरुरी है। सोमवार को जिले में 113 नए मरीज आए, जबकि 250 ठीक भी हुए हैं। इनमें सिविल अस्पताल से सोमवार को ठीक होने वाली 112 साल की बुजुर्ग भी शामिल हैं। उनका 10 दिन यहां इलाज चला। सिविल अस्पताल के लेवल-2 के इंचार्ज डॉक्टर भूपिंदर सिंह ने बताया कि बुजुर्ग महिला के इलाज के दौरान कोई दिक्कत नहीं आई। इसका कारण था कि महिला को कोरोना के अलावा कोई बीमारी नहीं थी।

जब उन्हें अस्पताल में लाया गया तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। कोविड के स्टेंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत ही उनका इलाज हुआ और स्टेरॉयड भी दिए गए। उधर, 4 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इनमें दो मरीज सिटी और दो देहात में रहने वाले थे। सभी की उम्र 45 से 69 साल के बीच थी। अब तक जिले में 61313 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1413 दम तोड़ चुके हैं।
क्या कहा डॉक्टर ने :
उनका इलाज कर रहे डा. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 28 मई की शाम करीब सात बजे वह सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची थीं। उनकी तबियत ज्यादा खराब थी। आक्सीजन सेचुरेशन लेवल 80-85 तक था। जांच करने पर 29 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई। उन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। न्होंने बताया कि जीतो के सही समय पर अस्पताल पहुंचने व इलाज शुरू होने से वह जल्द ठीक हो गईं। उन्होंने डाक्टरों की पूरी सलाह मानीं और तनाव से खुद को मुक्त रखा। चार-पांच दिन में ही वह खुद पूरा खाना खा रही थीं और उन्हें आक्सीजन की भी जरूरत नहीं पड़ रही थी। वार्ड में भी खुद ही चलकर एक से दूसरी जगह जा रही थीं। अब उन्हें पूरी तरह स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई।
जीतो के पौत्र लवप्रीत ने बताया कि दादी घर का सारा काम करने के अलावा घर में ही बने बगीचे में खेती करती हैं। वह सादा खाना खाती है। ज्यादातर घर में लगाई ही सब्जियां खाती हैं। 28 मई को घर के बगीचे में खेती करते समय वह अचानक बेहोश हो गई थीं तो उन्हें अस्पताल लाया गया। उन्हें और कोई लक्षण नहीं था। हालांकि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।

एसएमओ डा. सुरजीत सिंह ने बताया जीतो की रोग प्रतिरोधक शक्ति काफी मजबूत थी और वह इस उम्र में भी काफी एक्टिव थीं। हालांकि उनको कम सुनाई देने की वजह से स्टाफ को इलाज के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

डिस्चार्ज होने के बाद क्या कहा :
जब डिस्चार्ज होने के बाद उनसे पूछा गया की आपने इतनी उम्र में भी कोरोना को मात दे दी है तो उनका जबाब था बीटा मैंने पुरानी खुराकें खाई हुई है जो बिलकुल शुद्ध होती थी इसलिए इम्युनिटी पॉवर इनकी स्ट्रांग है।

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