
breaking news : कोरोना ने छीनी एक और हस्ती की जान ,मशहूर गायक सिरदूल सिकंदर का निधन
पंजाब ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : SAD SONGS के लिए जाने बाले मशहूर गायक सिरदूल सिकंदर आज दुनिया को अलविदा कह गए। पंजाब के मशहूर गायक सरदूल सिकंदर का जब भी नाम आये उनके सुहाने गीत अपने आप जहँन में आ जाते है। सरदूल सिकंदर का जन्म 15,जनवरी 1961,को हुआ था। पंजाबी गायिकी की जान सिरदूल सिंकंदर आज ज़िंदगी से अपनी जंग हार गए। फोर्टिस अस्पताल में आज उन्होंने आखरी साँस ली। सिरदूर सिकंदर काफी समय से बीमार चल रहे थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिरदूल सिंकंदर कोरोना पोस्टिव भी हो गए थे। कोरोना के आगे सिरदूल सिकंदर अपनी ज़िंदगी की जंग हार गए। सिरदूल सिकंदर 60, साल के थे। 60, साल की उम्र में आज उन्होंने फोर्टिस अस्पताल में आखिरी सांस ली। सिकंदर काफी समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे बाद में उनका किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया गया , किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन तो सफल रहा ,लेकिन ट्रांसपंत के बाद वो कोरोना से ग्रसित हो गए। ता से उनका इलाज़ चल रहा था लेकिन आज उनका देहांत हो गया। सरदूल की मौत की खबर सुन कर उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।
सरदूल सिकंदर एक भारतीय गायक थे, जो पंजाबी भाषा के लोक और पॉप संगीत से जुड़े थे,। जिन्होंने 1980 के दशक की शुरुआत में अपने परिचयात्मक एल्बम, “रोडवेज दी लारी” के साथ रेडियो और टेलीविजन पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की थी। उन्होंने कुछ पंजाबी भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया है, जैसे जग्गा डाकू। सरदूल के पिता, स्वर्गीय सागर मस्ताना, एक प्रसिद्ध तबला वादक थे, जिन्होंने एक विशेष प्रकार के तबले का आविष्कार किया था, जो एक पतली बांस की छड़ी के साथ खेला जाता था। सरदूल की शादी अमर नूरी से हुई थी , जो एक कुशल गायिका और अभिनेत्री भी हैं और उन्होंने अपने पति की तरह ही कई पुरस्कार हासिल किए हैं। उन्होंने कुछ या सबसे यादगार पर्यटन और प्रदर्शनों के लिए युगल के साथ-साथ एकल गायकों के रूप में दुनिया भर में यात्रा की है। जिला फतेहगढ़ साहिब में खेरी नौध सिंह में जन्मे, वह संगीत के पटियाला घराने से संबंधित हैं।
सरदूल के काम को दुनिया भर के 50 से अधिक व्युत्पन्न एल्बमों में शामिल किया गया है। 1991 में रिलीज़ हुआ उनका एल्बम ‘हुस्ना दे मल्को’ जिसने दुनिया भर में 5.1 मिलियन प्रतियां बेचीं और अभी भी बिक रही है।
फॅमिली :
सरदूल के सारंग सिकंदर और अलाप सिकंदर नाम के दो बेटे हैं। सारंग का बड़ा बेटा है। वह एक गायक और एक संगीत निर्माता है इसलिए वह अपने संगीत शैली के स्वाद का प्रतिनिधित्व करता है जिसे उसने अपने माता-पिता के साथ दुनिया की यात्रा करके विकसित किया है। अलाप परिवार में सबसे छोटा है और बहु-प्रतिभाशाली भी है। अलाप गाता है और हर मुख्यधारा संगीत वाद्ययंत्र भी बजाता है। उन्होंने मेटलवर्क्स इंस्टीट्यूट ऑफ साउंड एंड म्यूजिक प्रोडक्शन से ऑडियो प्रोडक्शन एंड इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। दोनों बेटे संगीत में स्व-शिक्षित हैं और निकट भविष्य में उद्योग में अपना काम करने की योजना बना रहे हैं।
सरदूल सिकंदर के निधन पर सुखबीर बदल ने शोक जताया है। उन्होंने कहा की सिरदूर के निधन से संगीत जगत बहुत बड़ा झटका लगा है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।