Wishing Maa Shailputri Mata pooja method

चैत्र नवरात्र की सभी को हार्दिक शुभकामनायें जाने माँ शैलपुत्री माता की पूजा विधि और मुहूर्त

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नवरात्री special (पंजाब 365 न्यूज़ ) : चैत्र नवरात्र इस साल 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और इसकी समाप्ति 21 अप्रैल को होगी। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है।
नवरात्र के पहले दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री रूप की आराधना की जाती है। मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
चैत्र नवरात्रि या वासन्तिक नवरात्र का आरम्भ 13 अप्रैल से हो रहे हैं और 21 अप्रैल तक चलेंगे। नवरात्रों का यह त्योहार हमारे भारतवर्ष में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसका जिक्र पुराणों में भी अच्छे से मिलता है। वैसे तो पुराणों में एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्रों का जिक्र किया गया है, लेकिन चैत्र और अश्विन माह के नवरात्रों को ही प्रमुखता से मनाया जाता है।

माता रानी के 9- दिन :
13 अप्रैल, मंगलवार: चैत्र नवरात्रि प्रारंभ,घटस्थापना
14 अप्रैल, बुधवार: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
15 अप्रैल, गुरुवार: चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा पूजा
16 अप्रैल, शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन- मां कुष्मांडा पूजा
17 अप्रैल, शनिवार: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन- मां स्कन्दमाता पूजा
18 अप्रैल, रविवार: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन- मां कात्यायनी पूजा
19 अप्रैल, सोमवार: चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन- मां कालरात्रि पूजा
20 अप्रैल, मंगलवार: चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन- मां महागौरी की पूजा, दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी
21 अप्रैल, बुधवार: राम नवमी, भगवान राम का जन्म दिवस।

माता शैलपुत्री की आरती :
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे। ‌ जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी। ‌
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला‌ के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।


क्या करे माँ को अर्पित :
मां शैलपुत्री को घी अर्पित करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना बेहद मंगलकारी होता है। जो भक्त नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करता है उसे आरोग्य जीवन प्राप्त होता है।

माता शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए विधिवत तरीके से पूजा करें तथा आरती, मंत्र, कथा और भोग के साथ उनकी आराधना करें।

मां शैलपुत्री की पूजा के शुभ मुहूर्त-

अमृतसिद्धि योग – 13 अप्रैल की सुबह 06 बजकर 11 मिनट से दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक।
सर्वार्थसिद्धि योग – 13 अप्रैल की सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 13 अप्रैल की दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक।
अमृत काल – सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 03 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 35 मिनट से सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक।

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