Uttarakhand Glacier Holocaust

BIG NEWS : उत्तराखंड ग्लेशियर प्रलय ; अभी तक 14- की मौत 170- अब भी लापता

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उत्तराखंड (पंजाब 365 न्यूज़ ) : उत्तराखंड के चमोली ज़िले में कल नंदा ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक से बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। वहां पर पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कुछ लोगों की मौत हो गयी है और 170-से ज्यादा लापता है और आपको बता दे की अब तक पूरी घटना में 14- लोगों के मारे जाने की बात भी सामने आ रही है। इनमे से अधिकांश के शव भी बरामद कर लिए गए हैं।
गंगा की सहायक नदियों धौली गंगा , ऋषि गंगा और अलकनंदा में बाढ़ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रो में दहशत फ़ैल गयी है। आपको बता दे की इस घटना से बड़े पैमाने पर तवाही हुई है। NTPC की तपोवन – विष्णुगाड पनबिजली परियोजना को और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली कबड़ा नुक्सान हुआ है।
सुबह चार बजे से एक बार फिर बचाव कार्य शुरू हो गया है। सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इनमें काफी लोग फंसे हुए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है।राज्य सरकार 4 और केंद्र सरकार 2 लाख रुपये की सहयोग राशि देगी। सेना, वायुसेना, NDRF, ITBP और SDRF की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लगभग 203 लोग आपदा में लापता हुए हैं। जिनमें से 11 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। हमें कल तक एक सहायक कंपनी के प्रोजेक्ट तपोवन के बारे में पता नहीं था। हम यह मानकर चल रहे हैं कि दूसरी सुरंग में 35 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है। सुरंग बेहद संकरी है। जिस वहज से यहां केवल एक ही जेसीबी मलबा निकाल पा रही है। यहां लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है। हेलीकॉप्टर द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

अबतक के राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली जिला पुलिस ने 14 शव मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अभी भी 125 से अधिक लोग लापता हैं। रात में भी बचाव कार्य जारी रहा। नुकसान का आकलन जारी है।

केंद्रीय मंत्री नरेश पोखरियाल ने बताया की स्थिति बहुत कठिन :
आपदा ग्रस्त इलाके का निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह बेहद कठिन परिस्थिति है, लेकिन आईटीबीपी ने पहली सुरंग से सफलतापूर्वक लोगों को निकाल लिया है। अब वह दूसरी सुरंग पर कार्य कर रहे हैं। एनडीआरएफ और सेना भी राहत बचाव कार्य में लगी है। दोपहर तक कुछ सकारात्मक परिणाम आने की संभावना है।

आपको बताते चले की श्रीनगर में अलकनंदा इस समय 531.50 मीटर पर बह रही है। रविवार रात 9 बजे जल स्तर 532.50 मीटर था। चेतावनी स्तर 535 मीटर है। खतरे का निशान 536 मीटर पर है।

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