
आ गए बाइक चलाने के नए नियम : बच्चों को बिठाने से पहले जान लें ये जरूरी बात
नई दिल्ली ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : अगर आप भी बाइक चलने के शौकीन है तो ये खबर आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने बुधवार को मोटरसाइकिल पर चार साल से कम उम्र के बच्चों को ले जाने के मामले में नए नियमों का एलान किया है नए नियमों के तहत, अब बच्चों को दोपहिया वाहनों पर यात्रा करते समय हेलमेट और सुरक्षा बेल्ट (हार्नेस) पहनना अनिवार्य होगा. इसके अलावा, मंत्रालय ने यह भी कहा है कि चार साल तक के बच्चे को पीछे की सीट पर ले जाते समय मोटरसाइकिल की स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए.
हुआ ये संशोधन :
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2022 की अधिसूचना के माध्यम से CMVR, 1989 के नियम 138 में संशोधन किया है. इसके तहत, चार साल से कम उम्र के बच्चों को मोटर साइकिल पर ले जाने के मामलों में सुरक्षा उपायों से संबंधित मानदंड निर्धारित किए हैं.”
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने अब बाइक पर चलने वाले छोटे बच्चों के लिए भी हेलमेट जरूरी कर दिया है। मंत्रालय के अनुसार अगर 4 साल से छोटा कोई बच्चा दो-पहिया वाहन पर सवार है तो उसे क्रैश हेलमेट पहनना जरूरी (Crash Helmet for kids) है। इतना ही नहीं, कुछ और भी नियम (Road Safety Rules) लागू किए जा रहे हैं। नोटिफिकेशन के अनुसार नए नियम 15 फरवरी 2023 से लागू (MoRTH New Rules) होंगे। ऐसा अक्सर देखा गया है कि बच्चों को बिना किसी सुरक्षा उपायों के ही लोग मोटरसाइकिल या स्कूटर पर लेकर घूमते हैं। सोशल मीडिया पर तो ऐसी भी तस्वीरें आती रहती हैं, जिसमें एक ही बाइक पर 5-10 बच्चे तक बैठाए होते हैं, लेकिन ये उनकी सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़, जिसके चलते ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने नए निमय बनाए हैं। आइए जानते हैं क्या-क्या है नए नियम में।
1-4 साल से छोटे बच्चों को दो-पहिया वाहन की सवारी के दौरान क्रैश हेलमेंट पहनना जरूरी है। क्रैश हेलमेट वह हेलमेट होते हैं, जिनमें सिर पूरी तरह से कवर होता है, ना कि सिर्फ टोपी की तरह पहना जाने वाला हेलमेट। ये नए नियम आने के बाद भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां उम्र के हिसाब से सुरक्षा के उपाय हैं और बच्चों के लिए भी सुरक्षा के उपाय हैं।
2- अगर बच्चा बाइक चलाने वाले शख्स के पीछे बैठा है तो उसके लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होने जरूरी हैं। इसके तहत बच्चे के लिए सेफ्टी हार्नेस होना चाहिए, ताकि बच्चा पीछे से गिरे नहीं। एक सेफ्टी हार्नेस बच्चों को राइडर से बांधे रखता है और वह 30 किलो तक का वजन उठा सकता है। तो अगर आप भी अपने छोटे बच्चे को बाइक पर लेकर कहीं निकलें तो नियमों का ध्यान रखें।
3- यह भी कहा गया है कि जिस दो-पहिया वाहन पर 4 साल से छोटा बच्चा बैठा हो, उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर स्पीड तेज होगी तो बच्चे को हेलमेट होने के बावजूद गिरने पर चोट लग सकती है। इतना ही नहीं, सेफ्टी हार्नेस के बावजूद छोटा बच्चा तेज स्पीड वाली बाइक के गिरने से गंभीर रूप से घायल हो सकता है, इसलिए स्पीड पर भी लगाम लगाई गई है।
4-सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक, अब बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड जरूरी है. हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सुरक्षा के लिए है. बाइक ड्राइवर के अचानक ब्रेक लगाने पर हैंड होल्ड सवारी के लिए काफी मददगार साबित होता है. अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं होती थी. इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले के लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा बाइक के पिछले पहिये के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वाले के कपड़े पिछले पहिये में ना उलझे.
आदेश के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना-
आप सभी को बता दें कि दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए नियम को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है यह नियम चार साल तक के बच्चों को कवर करता है। कहा जा रहा है नए यातायात नियम का उल्लंघन करने पर 1000 रुपए का जुर्माना और तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हो सकता है।
केंद्र ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने का निर्देश भी जारी किया है. इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगी. अगर कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जाता है तो सिर्फ ड्राइवर को ही बाइक पर बैठने की मंजूरी होगी. दूसरे शब्दों में समझें तो कोई दूसरी सवारी बाइक पर नहीं बैठ सकेगी. अगर दूसरी सवारी बाइक पर बैठती है तो नियम का उल्लंघन माना जाएगा. वहीं, पिछली सवारी के बैठने की जगह के पीछे कंटेनर लगाने पर दूसरे व्यक्ति को बैठने की इजाजत होगी.
बाइक के टायरों लेकर जारी की नई गाइडलाइन
सरकार ने टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है. इस सिस्टम में सेंसर के जरिये ड्राइवर को जानकारी मिलती है कि गाड़ी के टायर में हवा का प्रेशर कितना है. साथ ही टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की गई है. इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी. सरकार समय-समय पर सड़क सुरक्षा के नियमों में बदलाव करती रहती है. बीते कुछ साल में सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्त करने पर जोर दिया गया है.