
Breaking news : नहीं रहे दलितों के मसीहा कहे जाने वाले “बूटा सिंह ” आठ बार चुने गए थे लोकसभा सदस्य
राजस्थान (पंजाब 365 न्यूज़): दलितों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के बरिष्ट नेता सरदार बूटा सिंह का शनिवार को निधन हो गया। बूटा सिंह लम्बे समय से बीमार थे (86) वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
पंजाब के जालंधर ज़िले के मुस्तफापुर गांव में (21)मार्च 1934 को बुट्टा सिंह का जनम हुआ था। बुट्टा सिंह 8 बार लोकसभा के सदस्य चुने गए थे। प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताया है।
गाँधी परिवार के विश्वास पात्र रहे बूटा सिंह ने भारत सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री , कृषि मंत्री , रेल मंत्री , और बिहार के राजयपाल राष्ट्रिय अनुसूचित जनजाती आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का संचालन किया।
(1977) में जनता लहर के चलते कांग्रेस पार्टी बुरी तरह हार गयी थी और इस कारण पार्टी बिभाजित हो गयी थी तो सरदार बूटा सिंह ने पूर्व परधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व बाली पार्टी का साथ दिया था पार्टी के एकमात्र राष्ट्रिय महासचिव के रूप में कड़ी मेहनत करने के बाद (1980) में फिर से एक बार सत्ता में लाने वाले बूटा सिंह ही थे जिनकी कड़ी मेहनत ने रंग दिखाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेसी नेता बुट्टा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा ” बूटा सिंह गरीबों और दलितों के कल्याण के लिए अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज़ थे ” उनके निधन से दुखी हूँ भगवान् बूटा सिंह की आत्मा को शांति दे । बूटा सिंह के परिवार और समर्थकों को मेरी संवेदनाये।
राहुल गाँधी ने ट्वीट किया “सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है , उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की भलाई और जनता की सेवा में समर्पित कर दिया था जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जायेगा।”