
Breaking news : सरकार ने दिया किसानो को बड़ा प्रस्ताव , क्या मानेंगे किसान , कृषि मंत्री “नरेंदर सिंह तोमर ” का बड़ा व्यान
New delhi (पंजाब 365 न्यूज़) : हज़ारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटी हुए है किसानों और सरकार के बीच बात बनते नज़र नहीं आ रही। किसानो ने लगभग दो महीने होने आये दिल्ली बॉर्डर बंद किये हुए हैं। आवाजाही पर रोक लगी हुए है। बे नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
सरकार और किसानों के बीच जारी घमासान के बीच बुधवार को हुई 10-वे दौर की भी बैठक बेनतीजा रही । प्रदर्षनकारी किसानों का आरोप है की इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉर्पोरेट कृपा पर रहना देगा। हालाँकि इन आशंकाओं को ख़ारिज कर चुकी है।

जबकि आज केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों के गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया है की कृषि कानूनों किओ सरकार एक से डेड महीने तक स्थगित कर सकती है। और सरकार किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधिओं की एक संयुक्त कमेटी गठित करने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन किसान नेताओं ने अभी इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। और किसान कमेटी ने कहा की वे आपसी चर्चा के बाद ही सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे।
उग्राहां के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह उग्राहां ने कहा की सरकार ने कृषि कानूनों को एक से डेड साल के लिएस्थगित करने का प्रस्ताव दिय है और हमने इसे खारिज कर दिया है। उग्राहां ने कहा की ये प्रस्ताव सरकार की तरफ से आया है हम किसान यूनियन बैठ के आप में चर्चा करेंगे और फिर अपनी राय बताएंगे।
वही एक अन्य किसान नेता कविता कुरुगनति ने बताया की सरकार ने तीनो कानूनों को आपसी सहमति से निर्धारित समय तक निलंबित करने और कमेटी गठित करने के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा देने का प्रस्ताव भी रखा है।

आपको बता दे की किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की चेताबनी दी है। इसी बीच किसानों की ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए एक न्यायिक आदेश पाने की दिल्ली पलिस की उमीदों पर पानी फिर गया है। दरअसल , सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को याचिका वापिस लेने का निर्देश देते हुए कहा की ये पुलिस का विषय है ये ऐसा मुद्दा नहीं है जिसमे कोर्ट को आदेश जरी करना पड़े।