
आज किसान आंदोलन खत्म होगा के नहीं जानिए पूरी खबर ?
दिल्ली ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : तीन कृषि कानून के विरोध में एक साल से अधिक से किसान आंदोलन कर रहे थे वो अब तीनों क़ानूओं वापिस भी हो गए है जिनक राष्ट्रपति ने भी मंज़ूरी दे दी है लेकिन किसान अभी भी अपने घरों को नहीं लौटे हैं। पहले किसानों की मांगे थी की कृषि कानून रद्द किये जाएँ लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री के द्वारा तीनों कृषि कानून रद्द किय गए किसानो ने अपनी और मांगे केंद्र सरकार के सामने रख दी जिनको लेकर वो अभी भी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। जिन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में यह आंदोलन शुरू हुआ था, केंद्र सरकार उन्हें वापस ले चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद इनकी वापसी पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग चुकी है। इसकी घोषणा करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने MSP को लेकर कमेटी बनाने की बात भी कही थी, जिसके बाद किसान नेताओं से संपर्क कर 5 नाम भेजने को कहा था, जिन्हें कमेटी में शामिल किया जा सके।
आपको बता दे की सिंघु बॉर्डर पर सुबह करीब 11 बजे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की मीटिंग होगी। इसमें किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। किसान आंदोलन खत्म होगा या नहीं, इसको लेकर आज मीटिंग में फैसला लिया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर पर होने वाली मीटिंग में MSP के लिए सरकार को भेजे जाने वाले 5 किसान नेताओं के नाम पर भी चर्चा होगी। हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने उन्हें कोई औपचारिक संदेश नहीं भेजा है। मीटिंग में इस बात पर भी फैसला होगा कि नाम भेजे जाएंगे या फिर सरकार से औपचारिक संदेश का इंतजार किया जाएगा। किसान नेता केंद्र सरकार से यह भी पूछ रहे हैं कि वह MSP पर बन रही कमेटी की समय सीमा के बारे में भी किसानों को बताएं।
किसानों के सभी केस हो वापिस : टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा में CM मनोहर लाल खट्टर से किसानों की मीटिंग हुई है। उसमें केस वापस लेने पर सहमति बन गई थी लेकिन मुआवजे को लेकर बात नहीं बनी। उन्होंने कहा कि जब तक भारत सरकार से बातचीत फाइनल नहीं होती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। सिंघु बॉर्डर पर आज की मीटिंग में आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
आज की मीटिंग में ये देखना है की किसान आंदोलन कर रहे आज अपना आंदोलन खत्म करते है की नहीं या इसको जारी ही रखते है आपको बता दे की पंजाब के अधिकतर किसान अपने घरों को वापिस आने के मूड में है वो कहते है की जिन मांग को लेकर हम यहां आये थे वो पूरी हो गयी है अब हमे अपने घरों को वापिस लौट जाना चाहि। लेकिन कुछ किसान संगठन अभी भी कुछ मांगो को लेकर अड़े हुए है।