
क्या जल्द होगी अन्नदाता की घर वापसी ?
नई दिल्ली ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : किसानों का आंदोलन सबको लगा था की तीन कृषि कानून वापिस होने के बाद सब कुछ ठीक हो जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कृषि कानून वापिस होने के बाद भी किसान अपनी और मांगे मनवाने के लिए अड़े हुए है। आपको बता दे की कल विधानसभा में भी तीन कृषि कानून बिल वापिस पास हो गया है। लेकिन क्या कल को किसान अपने घरों को वापस हले जायेंगे की नहीं क्योकि टिकैत ने 1, दिसंबर का हाई मीटिंग बुलाई है। केंद्र सरकार के 3 कृषि सुधार कानूनों के विरोध में एक साल से चल रहा किसान आंदोलन बुधवार को खत्म हो सकता है। सोमवार को सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों की मीटिंग हुई।
इसमें घर वापसी के लिए सहमति बन गई है। हालांकि अंतिम फैसला 1 दिसंबर को होगा।फैसला लेने के लिए बनाए गए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के 42 लोगों की कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग भी अब 1 दिसंबर को ही होगी। पहले यह 4 दिसंबर को होने वाली थी। पंजाब के किसान नेता हरमीत कादियां ने कहा- हम जीत हासिल कर चुके हैं। अब हमारे पास कोई बहाना नहीं है। घर वापसी पर संयुक्त किसान मोर्चा की मुहर लगनी बाकी है।
पंजाब में किसान संगठन टोल प्लाजा पर लगे धरने हटाने के लिए भी तैयार हो गए हैं। इसके अलावा यहां रैलियां कर रहे नेताओं का विरोध भी बंद हो सकता है। पंजाब में कॉर्पोरेट ग्रुप्स के संस्थानों के बाहर जारी धरने या उन्हें खोलने का विरोध भी छोड़ने की तैयारी है। इसको लेकर भी प्रपोजल तैयार हो चुका है। हालांकि SKM की मुहर से पहले किसान नेता इसके बारे में कुछ कह नहीं रहे हैं। पंजाब के संगठनों का फैसला इसलिए अहम है क्योंकि आंदोलन की शुरुआत उन्होंने पंजाब से ही की थी।
दोआबा के किसान नेता मुकेश ने कहा- हम जंग जीत चुके हैं। पहले सरकार संसद को श्रद्धांजलि देकर खत्म कर देती थी। इस बार सरकार ने तेजी से बिल रद्द कर दिए। सरकार का रवैया देखते हुए हमने एक दिसंबर को ही मीटिंग बुला ली है। पहले भी हम 32 संगठन प्रपोजल बनाते थे और SKM में पास करवाते थे। सरकार का रवैया देख हमें उम्मीद है कि मंगलवार को बाकी मांगों पर भी ऐलान हो जाएगा।
किसान नेता जंगवीर सिंह ने कहा- हम जीत को जीत ही कहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों का स्वागत करते हैं।
हमे जो चाहिए था मिल गया :
लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं। पराली और बिजली एक्ट से किसानों को निकाल दिया गया है। हमारी जीत पूरी हो गई है। जिन मांगों को लेकर हम आए थे, उन पर फैसला हो चुका है। MSP पर सरकार ने कमेटी बनाने की बात कही है। उसके लिए केंद्र सरकार को एक दिन का वक्त दिया है। इसमें किसानों के प्रतिनिधि लिए जाएंगे या नहीं और वो कितने वक्त में फैसला लेगी? इन बातों पर सब कुछ साफ होना चाहिए।