
इस बार कई संयोगों के साथ आ रहा दीपोत्सव: आज मनाया जा रहा है धनतेरस
धनतेरस स्पेशल (पंजाब 365 न्यूज़ ) : दिवाली के इंतज़ार में लोग अपने घरों की साफ़ सफाई करते है तो आ गयी दिवाली। आज धनतेरस मनाया जा रहा है। दीपोत्सव के लिए घर से लेकर बाजार तक सज चुके हैं। रौशनी के पर्व की शुरुआत मंगलवार धनतेरस से हो जाएगी। धन के देवता कुबेर की कृपा पाने के लिए दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। यह दिन सोने, चांदी और बर्तन आदि खरीदने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन भगवान कुबेर की पूजा के साथ भगवान धनवंतरी की पूजा होती है।खास बात यह है कि खरीदादारों की तरह दुकानदारों में भी धनतेरस को लेकर भारी उत्साह है। बर्तन व्यापारियों ने मंगलवार को समय से पहले दुकानें खोलने की घोषणा कर दी है। इससे लोगों को खरीददारी के लिए अधिक समय मिल पाएगा। इस बार धनतेरस पर सर्वसिद्धि योग तथा मंगलवार होने के चलते लोगों में खरीददारी को लेकर काफी उत्साह है। धार्मिक दृष्टि से इस योग में खरीददारी करने से दोहरा फल प्राप्त होता है।
विद्वानों के अनुसार धनतेरस की शुरुआत मंगलवार सुबह से होगी, जो दूसरे दिन बुधवार सुबह तक रहेगी। इसलिए धनतेरस मंगलवार से मनाया जाएगा। धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग है। यह बैंक खाता खोलने और खरीदारी करने के लिए शुभ माना जाता है। रूप चतुर्दशी रात खत्म होने और सूर्योदय के पहले मनाई जाती है। बुधवार को रूप चतुर्दशी सूर्योदय के बाद शुरू होगी, इसलिए गुरुवार को सूर्योदय के पहले चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान होगा। दीपावली का पर्व प्रदोष काल में मनाया जाता है, इसलिए गुरुवार सुबह चतुर्दशी व शाम को दीपावली मनाई जाती है।
पं. विजय शास्त्री के अनुसार दिवाली वीरवार को है। यह संपत्ति, बुद्धि, ज्ञान व धन देने वाली होगी। इस दिन स्वाति व चित्रा नक्षत्र हैं, दोनों शुभ माने जाते हैं। इस दिन प्रीति योग व आयुष्मान योग भी है। दोनों शुभकारक हैं। 2 नवंबर को सुबह 11:13 मिनट तक द्वादशी, 3 नवंबर को सुबह 9:02 मिनट तक त्रयोदशी रहेगी। इसलिए 2 नवंबर को प्रदोष काल में धनतेरस, यमदीपदान, शिव रात्रि व भौम प्रदोष के पर्व मनेंगे और धनवंतरी जयंती मनाई जाएगी। 3 नवंबर को सुबह 9:02 मिनट तक तेरस व बाद में चतुर्दशी लगेगी। इसी दिन रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। 4 नवंबर को चित्रा-स्वाति नक्षत्र, प्रीति व आयुष्मान योग, तुला राशि का चंद्रमा, तुला राशि का सूर्य व तुला राशि का ही बुध व मंगल होगा। शुक्र की राशि में ये चार ग्रह रहेंगे।
श्री लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति, बर्तन व झाड़ू खरीदना शुभ
इस दिन श्री लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियां खरीदना शुभ माना गया है। सोने-चांदी, मिट्टी की मूर्ति खरीद सकते हैं।
झाड़ू की खरीदारी शुभ होती है। मान्यता है कि इससे घर में आर्थिक संकट दूर होता है। इसका सांकेतिक महत्व यह है कि इससे सालभर घर और जीवन साफ-सुथरा रखा जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद मोबाइल फोन, लैपटॉप, ओवन, फ्रिज व अन्य सामान खरीदना भी शुभ है।
साबुत धनिया खरीदने से घर में सुख-शांति आती है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का पूजन करते समय इस साबुत धनिया अर्पित करें और इसे अपनी तिजोरी में रख दें। इससे
समृद्धि आती है।
व्यवसाय से संबंधित चीजें भी धनतेरस के दिन खरीदी जा सकती हैं। दिवाली के दिन इनकी पूजा से विशेष लाभ मिलता है। धनतेरस पर नया बैंक अकाउंट खोल सकते हैं। यह कारोबारियों के लिए अहम दिन है। शाम को होने वाली मां लक्ष्मी की पूजा कारोबार के लिए शुभ मानी जाती है।
कोई भी पूजा आरंभ करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है, क्योंकि वे सबके आराध्य हैं। धनतेरस के दिन पूजा आरंभ करते हुए पहले विघ्नहर्ता श्री गणेश को स्नान कराएं। फिर चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं। फिर गणेश जी को लाल वस्त्र पहनाएं और उन पर ताजे पुष्प अर्पण करें।
पूजा मुहूर्त : सुबह 7:46 मिनट
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:30 से 12:40 तक, दोपहर 1:51 से 3:16 तक, शाम 5:25 से 6 बजे तक
धनवंतरी पूजा विशेष - मंगलवार शाम 5:38 से 8:14 तक
इन वस्तुओं की खरीद से करें परहेज
काले रंग की वस्तुएं
एल्यूमिनियम से निर्मित समान व बर्तन
लोहे की वस्तुएं
नुकीली या धारदार वस्तुएं
प्लास्टिक का सामान
कांच के बर्तन
खाली बर्तन घर लेकर ना लाएं