Questions raised on the process of railway recruitment

रेलवे भर्ती की प्रक्रिया पर उठे सवाल : जानिए क्यों मचा बबाल

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बिहार ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : देश में दिन प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ती जा रही है हम इस बात का अंदाजा इसी बात पर लगा सकते है की 35 हजार पद, 1.25 करोड़ कैंडिडेट ने आवेदन किया था। लेकिन ये भी देखने बाली बात है की इन 1.25करोड़ लोगों में से तो चयन 35,हज़ार का ही होना है। कई बार कुछ विद्यार्थी इतनी संख्या में आवेदन हों पर परीक्षा देने ही नहीं पहुंचते है जो परीक्षा देने पहुंचते है वो बहुत से सपने संजो के जाते है के काश इस बार उनका नाम ही जाये लेकिन होता नहीं है। हमने कई बार ऐसी खबरे भी सुनी होती है की परीक्षा से पहले पेपर लीक हो गया जिस से परीक्षार्थियों में निराशा उत्प्पन हो जाती है। बात करे कल की तो गणतंत्र दिवस पर कई परीक्षार्थियों ने गुस्से में खड़ी ट्रैन को आग के हवाले कर दिया । और आज की बात करे तो हमारी नयी पीढ़ी के मन में ये बात घर कर गयी है की सरकारी जॉब ही सब कुछ है। वो नहीं टी हम जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे। इसलिए एक चपरासी की नौकरी पाने के लिए भी डिग्री धारक उसके लिए आवेदन कर देता है की शायद यही मिल जाये। लेकिन जब वैसा नहीं होता है तो वो निराश हो जाते है। अगर बात कल के मामले की करे तो उसमे भी कई लोगो को ये मलाल था की कई हाई डिग्री बाले भी कम योग्यता वाले फॉर्म भरे हुए है। जहां एक और पूरा देश के गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा था वहीं, बिहार में हजारों युवाओं ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाईं। जबकि, रेलवे ने एनटीपीसी और लेवल-1 की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा भी कर दी है। वहीं, जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है।रेलवे भर्ती अधिसूचना के अनुसार, सीबीटी-1 और सीबीटी-2 परीक्षा के माध्यम से दो चरणों में क्रमश: 20 व आठ गुना उम्मीदवारों को क्वालीफाई किया जाना था। सीबीटी-1 के परिणाम में रेलवे भर्ती बोर्ड के अनुसार, 20 गुना उम्मीदवार क्वालीफाई घोषित किए गए हैं। जबकि उम्मीदवारों के अनुसार, सारे फसाद की जड़ यही है। जोन वाइज कुल पदों के 20 गुना अभ्यर्थियों को सीबीटी-1 में क्वालीफाई घोषित किया जाना था। लेकिन रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से विभिन्न स्लॉट में पदों की संख्या के आधार पर उनके 20 गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई घोषित किया गया है।

रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) ने 2019 में एनटीपीसी यानी नॉन टेक्निनकल पॉपुलर कैटेगरी की परीक्षा में भर्ती निकाली. इसमें 35 हजार 281 वैकेंसी थी. इनमें से 24 हजार 281 पद ग्रेजुएट और 11 हजार पद अंडर ग्रेजुएट (12वीं पास) के लिए थे. इन्हें 5 लेवल 2, 3, 4, 5, 6 में बांटा गया था। अलग-अलग लेवल में योग्यता और तनख्वाह अलग-अलग तय थी. जैसे लेवल-2 जॉब के लिए 12वीं पास होना जरूरी था और इसमें 19 हजार तनख्वाह तय थी. इसी तरह लेवल-6 के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है और इसमें 35 हजार तनख्वाह है।

  1. परीक्षा मार्च 2020 में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से आगे बढ़ गई. उसके बाद दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच ये परीक्षा हुई. 14 जनवरी 2022 को इसका रिजल्ट आया. इसमें 7 लाख 5 हजार 446 छात्र पास हुए. यानी 35 हजार पदों के लिए 20 गुना ज्यादा अभ्यर्थियों ने दूसरे राउंड के लिए क्वालिफाई कर लिया।
  2. परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का आरोप है कि ज्यादा क्वालिफिकेशन वाले लोग भी लेवल 2 जॉब के लिए एग्जाम में बैठ रहे हैं. वहीं, अधिकारियों का कहना हैकि ज्यादा क्वालिफिकेशन वालों को कम योग्यता वाली जॉब के एग्जाम में बैठने से नहीं रोका जा सकता.।
  3. रेलवे का कहना है कि 20 गुना ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए हैं, लेकिन अभ्यर्थियों का आरोप है कि इसमें उन ग्रेजुएट छात्रों को भी शामिल कर लिया गया है, जिन्होंने अंडर ग्रेजुएट में भी क्वालिफाई किया है. उनका कहना है कि ऐसे तो कभी उनका सिलेक्शन नहीं होगा क्योंकि ग्रेजुएट उनसे ज्यादा सक्षम हैं।
    . रेलवे का तर्क है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि एक भी पद खाली न रहे. रेलवे ने ये भी कहा कि जब फाइनल रिजल्ट आएगा तो 35 हजार 281 पदों की भर्तियों की लिस्ट होगी. किसी भी उम्मीदवार को एक से ज्यादा पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा।
    यूपी और बिहार में अभ्यर्थियों के उग्र प्रदर्शन के बीच रेलवे ने NTPC CBT 2 और Group D CBT 1 की परीक्षा को स्थगित करने का फैसला लिया है।
    प्रदर्शनकारी बेरोजगार युवाओं का आरोप है कि आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक सीबीटी-1 स्क्रीनिंग परीक्षा है। इसके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाएंगे। जबकि इसे क्लीयर करने वाले को ही सीबीटी-2 परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलेगा। चूंकि, पेपर स्नातक और इंटर पास के लिए एक समान स्नातक स्तर का आयोजित किया गया था। इसलिए, परिणाम में 2019 तक स्नातक कर चुके उम्मीदवारों का दबदबा ज्यादा रहा। अब ज्यादा अंक पाने वाले उम्मीदवार सभी स्लॉट की स्क्रीनिंग लिस्ट में चयनित हो गए। इससे बड़ी संख्या में एक ही उम्मीदवार का एक से अधिक स्लॉट में सीबीटी-2 के लिए चयन हो रहा है। जबकि वास्तविक हकदार उम्मीदवार को मौका नहीं मिल रहा।
    बिहार में हजारों उम्मीदवार रेलवे भर्ती बोर्ड की नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरीज (RRB-NTPC) परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए सोमवार को सड़कों पर उतर आए और कई जगह ट्रेन की पटरियों पर बैठते हुए ट्रेनों को रोक दिया। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन भी कैंडिडेट्स का विरोध प्रदर्शन जारी रहा और गया में उन्होंने एक ट्रेन को आगे के हवाले कर दिया।

आखिर क्यों हजारों छात्र रेलवे भर्ती की परीक्षा को लेकर नाराज हैं:

इन 35 हजार पदों पर ज्यादा लोगों को प्रतिस्पर्धा का मौका देने के लिए, रेलवे ने इस बार नियम बनाया था कि हर लेवल के लिए दूसरे चरण के कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी CTBT-2 टेस्ट के लिए उपलब्ध पदों की संख्या से 20 गुना ज्यादा उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
इससे पहले 2016 में हुई रेलवे की भर्ती के लिए, इसने वैकेंसी से 15 गुना ज्यादा कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया था। उससे पहले की रेलवे की परीक्षाओं में वैकेंसी से 10 गुना ज्यादा छात्रों को शॉर्टलिस्ट करने का नियम था।
इसी वजह से इस बार कुल 35277 वैकेंसी के लिए पहले राउंड की परीक्षा के बाद 7 लाख से ज्यादा आवेदकों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। लेकिन दूसरे राउंड के लिए वास्तव में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की असली संख्या 7 लाख नहीं बल्कि 3.84 लाख है।
यही कैंडिडेट्स की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह है। कैंडिडेट्स का आरोप है कि रेलवे ने अपने वादे से मुकरते हुए दूसरे राउंड के टेस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों की संख्या 7 लाख से घटाकर महज 3.84 लाख कर दी।
रेलवे का कहना था कि शॉर्ट लिस्टिंग की प्रक्रिया आवेदनों पर निर्भर होगी। इसका मतलब है कि अगर आवेदक A ने लेवल 2 और लेवल 5 दोनों के लिए आवेदन किया था। तो उपलब्ध पदों की संख्या के 20 गुना अधिक आवेदकों को शॉर्टलिस्ट किए जाने के आधार पर, उस व्यक्ति के स्कोर को पैमाना मानते हुए उसे दोनों कैटेगरी में गिना जाएगा।
आंदोलनकारी कैंडिडेट्स का कहना है कि ज्यादा योग्यता वाले उम्मीदवारों के दोनों लेवल में चुने जाने से कम योग्यता वालों की उम्मीदों को झटका लगेगा।
जानिए रेल मंत्री ने क्या कहा
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘मैं उम्मीदवारों से कहना चाहूंगा कि यह उनकी अपनी संपत्ति है। वे अपनी ही संपत्ति को क्यों नष्ट कर रहे हैं? हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे।’ रेल मंत्रालय में प्रधान कार्यकारी निदेशक (औद्योगिक संबंध) दीपक पीटर गेब्रियल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है। ये विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।

सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों का दो दिनों तक प्रदर्शन और सोशल मीडिया के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन फैलने की आशंका के मद्देनजर रेलवे ये कदम उठाने को मजबूर हुआ

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