
जानिए कैसे मुलायम अपने से 20 साल छोटी साधना को दिल दे बैठे थे
लव स्टोरी ऑफ़ मुलायम : UP के CM अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना गुप्ता को समाजवादी झगड़े में कैकेयी तक की संज्ञा दी गई थी. लेकिन उन्होंने हमेशा खुद को इस मामले से अलग अलग बताया. उन्होंने बार-बार कहा कि वह अखिलेश यादव को अपना बड़ा बेटा मानती हैं. हमेशा उससे बात करती हैं. लेकिन किसी ने अखिलेश यादव को गुमराह कर दिया है। वह चाहती हैं कि उनका दूसरा बेटा प्रतीक यादव भी अखिलेश की तरह राजनीति में आए। आपको बता दे की उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने दो शादियां की हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम मालती देवी था। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मालती देवी के ही बेटे हैं। मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता (Mulayam Singh Second Wife) हैं। आइए जानें अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना कैसे आईं मुलायम सिंह के करीब।
जानिए कौन है साधना यादव :
साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी में एक छोटी कार्यकर्ता थी. साधना पहले से शादीशुदा थी और उनके पति फर्रुखाबाद जिले में व्यापारी का काम करते थे. लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गई. 1980 के दौरान वह पार्टी से जुड़ी थीं। हिंदुस्तान की राजनीति में भी कई ऐसे राजनेता रहे हैं जिन्होंने इश्क किया है और उसे जमाने से बिना डेर अंजाम तक पुहंचाया है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी ऐसे ही नेता रहे हैं। उनकी लव स्टोरी इतनी अनोखी है कि हर किसी को लुभाती है। कहते हैं मुलायम सिंह का राजनीतिक सितारा जब बुलंदियों पर था तो साधना गुप्ता उनकी जिंदगी में आई थी। दोनों की मुलाकात 1982 में उस दौरान हुई जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने थे। उस वक्त साधना पार्टी में महज एक कार्यकर्ता के बतौर काम कर रही थी। बेहद खूबसूरत और तीखे नैन-नक्श वाली साधना पर जब मुलायम की नजर पड़ी तो वह भी बस उन्हें देखते रह गए। अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को पहली ही नजर में मुलायम दिल दे बैठे थे। मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी। साधना की शादी फर्रुखाबाद के छोटे से व्यापारी चुंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गईं। इसके बाद शुरू हुई मुलायम और साधना की अनोखी प्रेम कहानी।
साधना गुप्ता यूपी के इटावा के बिधुना तहसील की रहनेवाली हैं. 4 जुलाई 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी. इनकी शादी के बाद 7 जुलाई 1987 में प्रतीक यादव का जन्म हुआ था. इसके दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे. इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई थी. ऐसा कहा जाता है कि दोनों काफी दिनों तक एक-दूसरे से मिलते-जुलते रहे।
2003 में मुलायम की पत्नी के मौत के बाद अमर सिंह ने साधना और मुलायम के रिश्ते को एक बार फिर हवा दी. साल 2007 में मुलायम सिंह यादव ने आय से अधिक सम्पति के मामले में सीबीआई की जांच से बचने के लिए यह स्वीकार किया कि साधना गुप्ता उनकी दूसरी पत्नी हैं और उनका एक पुत्र प्रतीक भी है. इसी के बाद पूरे देश को पता चला कि मुलायम की एक और पत्नी और उनसे एक बेटा है।
80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई। मालती देवी के निधन के बाद साधना ने मुलायम पर उन्हें अपनी आधिकारिक पत्नी घोषित करने का दबाव बनाया, लेकिन पारिवारिक ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को नाम देने से पीछे हट गए।
किताब में भी जिक्र :
अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में बताय़ा गया है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं। किताब के अनुसार एक बार इलाज के दौरान एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय वहां मौजूद साधना ने नर्स को रोक दिया। मुलायम सिंह यादव को ये बात पता चली तो वह साधना से काफी प्रभावित हुए। यही से दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई थी।साल 2003 में अखिलेश की मां औऱ मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद ही मुलायम सिंह ने सार्वजनिक तौर पर साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया।
मुलायम मानते थे साधना की हर बात :
नब्बे के दशक में जब मुलायम मुख्यमंत्री बने तो धीरे-धीरे बात फैलने लगी कि उनकी दो पत्नियां हैं लेकिन किसी की मुंह खोलने की हिम्मत ही नहीं पड़ती थी। इसके बाद 90 के दशक के अंतिम दौर में अखिलेश को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता के बारे में पता चला। कहते हैं कि उस समय मुलायम साधना गुप्ता की हर बात मानते थे। 2006 में साधना अमर सिंह से मिलने लगीं और उनसे आग्रह करने लगीं कि वह नेताजी को मनाएं। अमर सिंह नेताजी को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता को अपनाने के लिए मनाने लगे। साल 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से मुलायम से साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और इस बार मुलायम उनकी बात मानने के लिए तैयार हो गए लेकिन अखिलेश इसके लिए कतई तैयार नहीं थे।
अखिलेश अभी भी है मुलायम से नाराज :
अखिलेश ने साधना गुप्ता के अपने परिवार में कभी जगह नहीं दी. वह मानते हैं कि साधना गुप्ता और अमर सिंह के चलते उनके पिताजी ने उनकी मां के साथ न्याय नहीं किया. अखिलेश नहीं चाहते थे कि मुलायम इस रिश्ते को स्वीकार करेंं।
क्या करते है प्रतीक यादव :
बेटा प्रतीक यादव है बॉडी बिल्डर
साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक गुप्ता यादव फिलहाल राजनीति से दूर हैं। अब साधना चाहती हैं कि वह भी राजनीति में आएं. प्रतीक फिलहाल बॉडी बिल्डिंग के साथ ही लखनऊ में एक हाईप्रोफाइल जिम चलाते हैं. पत्नी अपर्णा यादव के साथ जानवरों के अधिकारों के लिए भी काम करते हैं। 23 साल की उम्र में प्यार के इकरार के बाद प्रतीक यादव ने अपर्णा बिष्ट से शादी रचा ली थी. अपर्णा इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं।