Is Channi CM only in name,

क्या चन्नी सिर्फ नाम के ही है CM, असली दाँव तो कोई और खेल रहा है ?

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पंजाब ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : पंजाब में आपसी कलह है जो खत्म हने का नाम ही नहीं ले रही है। पंजाब ने डेल्टन का CM, बन जाने के बाद भी हुकुम नवजोत सिंह सिद्धू ही चलाते है। कई बार सुनने को मिला और देखने को भी मिला है की पंजाब में सिर्फ नाम के ही दलित CM है असली हुकुम तो अभी भी नवजोत सिंह ही देते है। पंजाब में कांग्रेस का SC वोट बैंक का दांव उलटा पड़ रहा है। कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को अनुसूचित जाति का पहला सीएम जरूर बना दिया, लेकिन राज जट्‌ट नवजोत सिद्धू का ही चल रहा है। हर राज्य की तरह जातीय वोट बैंक का गुणा-गणित पंजाब में भी प्रभावी है। अक्सर SC वर्ग को दबाने की बात होती रही है और कांग्रेस सरकार में यह साफ नजर आ रहा है। इससे अनुसूचित जाति के वोटरों में भी अंदरखाते नाराजगी पनप गई है।पंजाब में भी कुछ ऐसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं। CM की कुर्सी पर चरणजीत चन्नी जरूर हैं, लेकिन काम वही हो रहा है जो सिद्धू चाहते हैं। इसको लेकर अब विरोधी भी बयानबाजी करने से नहीं चूक रहे। वह कह रहे हैं कि असली CM सिद्धू हैं, चरणजीत चन्नी को कांग्रेस ने रबर स्टैंप बनाकर रख दिया है।

खास बात यह है कि कांग्रेस विरोधियों से ज्यादा अपनों के निशाने पर आ चुकी है। पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान रहे सुनील जाख़ड़ ने तो यहां तक कह दिया कि कथित कंप्रोमाइज्ड लेकिन काबिल अफसर (AG एपीएस देयोल) के बाहर जाने से असली कंप्रोमाइज्ड सीएम (चरणजीत चन्नी) बेनकाब हो गए। सांसद मनीष तिवारी भी नहीं चूके और सीएम चन्नी को बार कौंसिल ऑफ इंडिया की वकीलों को लेकर हिदायतें पढ़ने की नसीहत दे दी।

सिद्धू के अड़ियल रवैए की वजह और उन्हें कांग्रेस हाईकमान की फुल सपोर्ट से पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी की स्थिति को कंप्रोमाइज्ड सीएम की स्थिति बताई जाने लगी है। सिद्धू एक बार फिर सुपर-सीएम की भूमिका में सामने आ गए हैं।
पंजाब में कांग्रेस की चन्नी सरकार को आखिरकार नवजोत सिद्धू के दबाव में झुकना पड़ा। मंगलवार को DGP और एडवोकेट जनरल (AG) को हटाने का फैसला ले लिया गया। सिद्धू ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कुर्सी पर कोई भी हो, पंजाब के ‘सुपर-CM’ वही हैं।

इसने कांग्रेस की 2013 की वो घटना याद दिला दी जिसमें राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अगुआई वाली UPA सरकार का अध्यादेश फाड़ दिया था। जब यह वाकया हुआ तो PM डॉ. सिंह अमेरिका दौरे पर थे। उसके बाद ही देश में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि डॉ. सिंह PM जरूर हैं, लेकिन असली राज गांधी परिवार का है।

सिद्धू भी बिल्कुल राहुल गांधी की राह पर चल रहे हैं।

राहुल के अध्यादेश फाड़ने को PM की गरिमा कम करने से जोड़कर देखा गया। योजना आयोग (अब नीति आयोग) के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने अपनी किताब ‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइंड इंडिया हाई ग्रोथ ईयर्स’ में भी इसका जिक्र किया था।

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