
43 लाख लड़कियों में बांझपन और 30 लाख में कैंसर जानिए किस वजह से पाया गया
14 फरवरी के साइड इफ़ेक्ट( पंजाब 365 न्यूज़ ) : पिछले वर्ष का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बांझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया. Valentine के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है. टीवी पर ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटों के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा. बिना दिमाग की लडकियाँ गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट निगल जाती हैं, इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटों के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नहीं करता बल्कि पूरा का पूरा fertility system ही करप्ट कर देता है.
शुरू में तो गोलियाँ खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकतीं, तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नहीं जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है. सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओं के नाम पर करोड़ों ₹ फूँक देती है. आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चियाँ बैग में i-pill लेकर घूम रही हैं और लव जिहाद का शिकार हो रही हैं, ये मरेंगीं नहीं तो क्या होगा और ऐसी जहरीली चीजें valentine पर medical mafia भारतीय बाजारों में जानबूझकर उतारता है क्योंकि सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नहीं होता. पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं फिर उसकी दवाई बेचकर अरबों रूपये कमाते हैं जिसमे नेता भी कमाई करते हैं क्योंकि ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं.
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी, इस valentine उसके पीछे संत, महापुरुष का ही नहीं बल्कि आप खुद सजग रोहोगे, देखने पर विरोध करोगे. समय है वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाले घटिया मानसिकता की जगह जगह अपने माता-पिता का पूजन कर देश की युवा पीढ़ी को सुदृढ़ बनाने का या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे-बेटी जमके अय्याशी करे और बाद में कैंसर, बांझपन की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो तो एक ही बार में सल्फास दे दो. समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नहीं, समस्या होती है जो दवाइयाँ बेचकर विदेशी कम्पनियाँ हर साल हमारे देश का अरबों रुपया लूट लेती हैं उससे है।