
पंजाब की कलह में कांग्रेस में शह-मात का खेल अभी भी जारी जानिए कैसे
पंजाब (पंजाब 365 न्यूज़ ) : पूरे देश में पंजाब एक ऐसा राज्य बन गया है यहाँ अपनी ही राजनितिक पार्टी के लोग आपस में उलझे पड़े है। कोई CM न बन पाने की वजह से दुखी है तो वहीं कोई दूसरे को CM बने हुए को देख कर खुश नहीं है। बात करे पंजाब के CM चन्नी की तो शायद चन्नी का CM बनना सिद्धू को खुशगवार नहीं लगा है क्योकि सिद्धू का CM बनने का दर्द पटियाला में साफ़ झलका है। सिद्धू का फिर से CM न बनने का दर्द भी छलका। वह पटियाला में नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से मिले।
सिद्धू ने कहा कि मेरे पास ऑर्गेनाइजेशन की पावर है, एडमिनिस्ट्रेशन की नहीं। मैं झूठे वादे नहीं करुंगा। चुनाव से पहले लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं। इस बार गलती कर ली तो फिर पंजाब बर्बाद हो जाएगा। यह मंत्रालय सीएम के पास है तो उनकी मांग को पहुंचा देंगे। प्रदर्शनकारी बिजली विभाग से जुड़े थे।
सिद्धू लोगों के बीच अगले चुनाव में जीत के बाद नए CM वाला अंदाज दिखाने से नहीं चूक रहे। सिद्धू ने कहा कि पंजाब देश का सबसे कर्जाई राज्य बन चुका है। एक व्यक्ति पर सिर्फ 870 रुपए खर्च होते हैं। गोवा 14 हजार से ज्यादा रुपए खर्च करता है। मैं जिंदा रहा और रब की कृपा रही तो एक व्यक्ति पर 15 हजार रुपए खर्च करुंगा।
पंजाब में कांग्रेस की कलह थम नहीं रही है। केदारनाथ समझौते के बावजूद पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू और सीएम चरणजीत चन्नी के मतभेद नहीं थम रहे। सोमवार को सिद्धू ने फिर एक लाख नौकरी न देने, आखिरी 3 महीने में लॉलीपॉप देने के मुद्दे उठाए।
करीब एक घंटे बाद सीएम चरणजीत चन्नी का भी जवाब आ गया। उन्होंने कहा कि पंजाबियों के मसले हल करने के लिए हमारी सरकार ने 52 दिनों में 104 फैसले लिए। खास बात यह है कि सिद्धू सरकार पर सीधा अटैक करते हैं। वहीं सीएम चन्नी संयमित ढंग से इशारों में इसका जवाब दे रहे हैं।
आज आ सकता है आरक्षण के लिए फैसला :
CM चन्नी कह चुके हैं कि पंजाब सरकार हरियाणा से ठोस कानून लेकर आ रही है। पंजाबियों की नौकरियां हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के हिस्से में जा रही हैं। पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से लगातार नौकरियों के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। नौजवान सरकार से नाराज हैं। ऐसे में सरकार इस दांव के जरिए सबको साधने की कोशिश में है। सूत्रों की मानें तो सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में 75% कोटा तय करने की योजना बनाई गई है।
यह मुद्दा इसलिए अहम है, क्योंकि पंजाब में नौकरियों को लेकर सरकार सवालों के घेरे में है। 2017 के चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी घर-घर रोजगार की बात कही थी। जिससे कैप्टन को चुनाव में खूब समर्थन मिला। यह बात अलग है कि लोगों ने इसे सरकारी नौकरी का वादा समझा, लेकिन कैप्टन ने प्राइवेट नौकरियां दिलवाईं।