Even after withdrawing the agriculture law

कृषि कानून वापिस लेने के बाद भी किसान अड़े है अपनी इन मांगो पर

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पंजाब ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : कृषि कानून वापिस होने के बाद सभी ने सोचा था की अब सब कुछ ठीक हो जायेगा दिल्ली बॉर्डर की सीमाएं खुल जाएगी , लेकिन सब उसके उल्टा ही हुआ। तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद भी किसान अभी भी वहां डटे हुए हैं। जिसके चलते आज वाहन भरी संख्या में किसान फिर से पहुंच रहे हैं। कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद सिंघु बार्डर पर बड़े स्तर पर शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। इसको लेकर जालंधर जिले के अलग अलग गांवों से किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच करनी शुरू कर दी है। शक्ति प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए किसान ट्रैक्टर-ट्राॅलियों और ट्रेनों से दिल्ली पहुंच रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एमएसपी और अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन जारी रखने का एलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 नवंबर को किसान दिल्ली कूच की तैयारी में जुटे हुए हैं। पंजाब से भी हजारों किसान कूच में शामिल हो रहे हैं। पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग 1000 किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।

भारतीय किसान यूनियन राजेवाल, दोआबा किसान संघर्ष कमेटी, मजदूर किसान संघर्ष कमेटी के सदस्य गांवों में अनाउसमेंट करवा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा किसान दिल्ली की तरफ रवाना हो। भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के जत्थेदार कश्मीर सिंह, यूथ प्रधान अमरजोत सिंह ने बताया कि 29 नवंबर को संसद में मीटिंग हैं और उसी दिन कृषि कानूनों को पक्के तौर पर वापस लिया जाना है। दोआबा किसान संघर्ष कमेटी के जिला प्रधान सलविंदर सिंह जानिया ने बताया कि आज जत्था में 1000 किसान दिल्ली की तरफ रवाना हुए हैं।


आपको बता दे की गुरुपूर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दिया था। सुबह सुबह ही घोषणा कर के उन्होंने किसानो के चेहरे पर मुस्कान ला दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद सबको लग रहा था कि किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा और दिल्ली की सीमाएं खाली हो जाएंगी। अनुमान के विपरीत अभी भी किसान अन्य मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए हैं।

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