
चंडीगढ़ में बिजली संकट जारी :इनवर्टर और मोबाइल भी अब डिस्चार्ज ,लोग परेशान
चंडीगढ़ ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के पहले से ही शहर में हाहाकार मचा हुआ है। हालात इतने खराब हो गए कि शहर के अस्पतालों में चार हजार से अधिक सर्जरी और ऑपरेशन टालने पड़े। चुनाव खत्म होते ही लोगो को एक बार फिर बिजली के संकट से परेशान होना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो गुरुवार तक बिजली मिलने की उम्मीद नहीं है। आपको बता दे की चंडीगढ़ में नगर निगम के करीब 1100 कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन बिजली विभाग का निजीकरण कर रहा है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाते ही हालात बिगड़ गए। दो-तिहाई शहर में बिजली ठप हो गई। चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा से कर्मचारी मांगे थे लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। बिजली विभाग की निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में आज पूरा चंडीगढ़ हिल गया। दिन भर बिजली संकट झेलने के बाद देर शाम को शहर पूरी तरह अंधेरे में डूब गया है। सड़कों पर तेज धूल वाली हवा और अंधेरे के बीच सड़कों पर ड्राइविंग करना मुश्किल हो रहा है। ट्रैफिक लाइट प्वांइट्स पर लाइटें बंद पड़ी हैं। ट्रैफिक कर्मी ज्यादातर लोकेशंस पर नहीं हैं। वहीं चालान काटने के लिए कुछ पुलिसकर्मी अपने फिक्स प्वांइट्स पर आज भी खड़े दिखे। स्थिति ये है कि इनवर्टर और मोबाइल भी अब डिस्चार्ज हो चुके हैं, जिससे लोग परेशान हैं। हालात इतने खराब है कि अस्पतालों ने ऑपरेशन टाल दिए हैं। निजीकरण के विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारी फाल्ट सुधारने तैयार नहीं हैं। ऐसे में हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने सेना बुलाई है। वहीं, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस समस्या का संज्ञान लिया और आज बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को पेश होने के लिए कहा है।
ली गयी है आर्मी की मदद :
शहर में बिजली की व्यवस्था बिगड़ते ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सुओ-मोटो ले लिया। इस मामले में आज चीफ इंजीनियर की हाईकोर्ट में पेशी होगी। वहीं कहीं से मदद न मिलने के बाद आर्मी से मदद मांगी गई। बिजली व्यवस्था को सुचारू करने के लिए मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस, चंडी मंदिर से मदद आई है। जिसके बाद शहर के कुछ हिस्सों में बिजली बहाल होने लगी है।
यूटी पावरमैन यूनियन की हड़ताल से शहर में बिजली के साथ पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। इसे लेकर चंडीगढ़ नगर निगम ने ‘नो वॉटर सप्लाई’ शिकायतों को सुनने के लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। एमसी के पब्लिक हेल्थ विंग की ओर से प्रबंध किए गए हैं। सेक्टर 15 में बने शिकायत केंद्र में किसी भी सेक्टर या गांव में पानी की सप्लाई में आने वाली दिक्कत को लेकर शिकायत दी जा सकती है। इसके अलावा एसडीई, एक्सीएन और जेई रेंक के अफसरों के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं।
बच्चे अँधेरे में पढ़ाई करने को मजबूर :
घरों में लोग मोमबत्ती और दिये जलाकर खाना पका रहे हैं। घरों में टीवी, फ्रिज, मोबाइल, लैपटॉप आदि सब बंद पड़े हैं। उपरी मंजिलों में रहने वाले लोगों के घरों पर पानी नहीं चढ़ रहा। फ्रिज के न चलने से डेयरी प्रोडक्ट्स खराब हो रहे हैं। शहर पूछ रहा है कि बिजली का पूरा बिल भरने के बाद भी प्रशासन और कर्मचारियों की लड़ाई में वह पीड़ित क्यों बन रहे हैं।
बच्चों की फाइनल परीक्षाएं हैं और अंधेरे में वह पढ़ तक नहीं पा रहे। अभी दो दिन और इस तरह के हालातों का शहरवासियों को सामना करना पड़ सकता है। हाईकोर्ट में कल इस मामले की सुनवाई है। हाईकोर्ट ने प्रशासन के चीफ इंजीनियर को तलब किया हुआ है।चंडीगढ़ में बिजली की सप्लाई ठप्प होने के कारण बच्चों की ऑनलाइन स्टडी भी प्रभावित हो रही है। दरअसल घरों में बिजली न होने से मोबाइल फोन और लैपटॉप भी बंद हो रखे हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कुछ छोटे बच्चों की फाइनल परीक्षाएं भी शुरु हो गई हैं। ऐसे में परिजनों को उनकी पढ़ाई की चिंता भी हो रही है।
होस्पिटलस में भी हो रही है मुश्किल :
चंडीगढ़ में बिजली संकट पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से संज्ञान लेते हुए केस शुरु कर दिया है। जस्टिस अजय तिवारी और जस्टिस पंकज जैन की डबल बैंच ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि शहर के अधिकतर हिस्से में बिजली की सप्लाई नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट न्यायिक स्तर पर इस मामले को सुनने के लिए बाध्य हुआ है। हाईकोर्ट ने यूटी के सीनियर स्टैंडिंग कांउसिल से पूछा कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर में बिजली सप्लाई को बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे प्रबंधों की जानकारी दें। आपको बता दे की अब पीजीआई पर भी असर पड़ सकता है। पीजीआई की तरफ से इस संबंध में जानकारी दी गई कि वह पूरी स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं। अस्पताल की सुविधाएं प्रभावित न हों, इसके लिए लगातार चंडीगढ़ प्रशासन के संपर्क में हैं। पीजीआई को बिजली सप्लाई देने वाले सब स्टेशन पर SE की तैनाती कर दी गई है।