Changed the age of marriage of daughters:

बदली बेटियों की शादी की उम्र : जानिए सरकार ने क्या तय की नई उम्र

Latest National

नई दिल्ली ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : आपको जान के ख़ुशी होगी की बेटियों की शादी की उम्र बढ़ा के 21 वर्ष कर दी गयी है। बिलकुल ठीक पढ़ा आप लोगो ने मोदी सरकार ने महिल सश्क्तिकरन की और एक और कदम बढ़ते हुए ये फैसला लिया है। अब पुरुषों के सामान ही लड़कियों की उम्र भी 21, साल निर्धारित की गयी है। ये निर्णय इसलिए किया गया है ताकि दोनों को सामान अधिकार दिया जा सके बेटे बेटियां दोनों ही एक दूजे से कम नहीं है। अब लोग 21, साल से पहले अपनी बेटियों की शादी नहीं कर सकेंगे। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया। मौजूदा कानून के मुताबिक, देश में पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 साल है, लेकिन सरकार अब महिलाओं को सशक्त करने के लिए उनकी शादी की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करेगी।

देश में महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इसपर फैसला लिया गया। अब इसके लिए मौजूदा कानूनों में सरकार संशोधन करेगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया था। अब सरकार इस पर अमल करती नजर आ रही है। देश में लड़कों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल है।


जेटली ने कहा कि उनकी सिफारिशों का उद्देश्य जनसंख्या पर नियंत्रण पाना नहीं है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुल प्रजनन दर में कमी आई है और जनसंख्या नियंत्रण में है। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का मकसद महिलाओं का सशक्तिकरण करना है। पिछले महीने नवंबर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वेक्षण-5 के दूसरे चरण के आंकड़े जारी किए थे, जिसमें प्रजनन दर में गिरावट दर्ज की गई है। यह 2.2 से घटकर दो रह गई है। 2005-06 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 के दौरान भारत का टीएफआर 2.7 था, जो 2015-16 में कम होकर 2.2 हो गया। टीएफआर में गिरावट यह दिखाता है कि देश में निकट भविष्य में जनसंख्या विस्फोट नहीं होने जा रहा है।


सरकार ने साल 2020 के जून माह में इसको लेकर टास्क फोर्स का गठन भी किया था। टास्क फोर्स ने उसी साल विवाह की आयु बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समता पार्टी की पूर्व सदस्य और टास्क फोर्स की प्रमुख जया जेटली ने इसकी सिफारिश की थी। यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए था न कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए।

टास्क फोर्स का कहना था कि पहले बच्चे को जन्म देते समय बेटियों की उम्र 21 साल से होनी चाहिए। विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *