Breaking news : Government gave a gift to the farmers on Gurupurab

Breaking news : सरकार ने दिया गुरुपूर्व पर किसानों को तोहफा : तीनों कृषि कानून लिए वापिस

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नई दिल्ली (पंजाब 365 न्यूज़ ) : तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन एक साल से ज्यादा हो गया चलते हुए लेकिन आज उनको कामयाबी मिल ही गयी है। गुरुपूर्व के चलते प्रधानंत्री ने तीनो कृषि कानून वापिस लेकर आज किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। जिसको सुनते ही किसान ख़ुशी से नाचने लगे है। गुरुपूर्व के दिन इतना बड़ा सरकार की तरफ से तोहफा मिलेगा ये किसानों ने सोचा भी नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरुपर्व के मौके पर देशभर के किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। पीएम मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान होते ही दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान खुशी से झूम उठे। जश्न का माहौल है। किसान एक-दूसरे के गले मिलकर खुशी जाहिर कर रहे हैं। किसानों ने इसे लंबे संघर्ष की जीत बताया। साथ ही बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है।

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि केन्द्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन भरपूर प्रयास के बाद भी यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए। यह कहते ही पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया और टिकरी बॉर्डर पर जश्न शुरू हो गया।
पिछले साल नवंबर में ही पंजाब की धरती से तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का संघर्ष शुरू हुआ था। बाद में दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने डेरा जमा लिया। एक साल से सर्दी-गर्मी के बीच किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग पर अड़े रहे।

पिछले 10 माह से किसानों और सरकार के बीच कानून वापसी को लेकर कोई बातचीत भी नहीं हुई, लेकिन शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करके सबको चौंका दिया।

आमतौर पर सुबह 9 बजे के आसपास दोनों बॉर्डर पर किसानों के मंच पर हल्की चहल-पहल होती है, लेकिन कृषि कानूनों के वापस लेने की बात सुनते ही बड़ी संख्या में किसान मंच की तरफ पहुंचने शुरू हो गए हैं।
पीएम मोदी के ऐलान के बाद टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन के मंच से अरदास की गई।
भावनात्मक रूप से जुड़ने की गयी कोशिश :
अहम बात यह भी है कि पीएम मोदी ने इसके लिए गुरुपर्व का दिन चुना। जिस वक्त पूरा सिख समाज पहले पातशाही गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व की खुशियां मना रहा था। उसी बीच यह ऐलान होने से सिख समाज से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की गई है।
क्या कहा पंजाब के पूर्व CM ने :
पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसका स्‍वागत करते हुए कहा है कि गुरु पर्व के पावन अवसर पर केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। उम्‍मीद है कि किसानों की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार कार्य जारी रखेगी। उन्‍होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और केंद्रीय गृ‍हमंत्री अमित शाह का धन्‍यवाद किया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस कदम का स्‍वागत किया है और इसे किसानों की एकता की जीत बताया है। पंजाब के विभिन्‍न संगठनों ने भी प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा पर खुशी जाहिर की है। ।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का पंजाब में व्‍यापक स्‍वागत हो रहा है। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसका स्‍वागत करते हुए कहा है कि गुरु पर्व के पावन अवसर पर केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। उम्‍मीद है कि किसानों की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार कार्य जारी रखेगी। उन्‍होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और केंद्रीय गृ‍हमंत्री अमित शाह का धन्‍यवाद किया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस कदम का स्‍वागत किया है और इसे किसानों की एकता की जीत बताया है। पंजाब के विभिन्‍न संगठनों ने भी प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा पर खुशी जाहिर की है।

पंजाब के पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। कैप्‍टन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने न केवल किसानों को बड़ी राहत दी है बल्कि पंजाब की प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। मैं भाजपा के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं। किसानों के विकास के लिए केंद्र ने नेतृत्व किया। मैं पंजाब के लोगों से वादा करता हूं कि मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा, जब तक मैं हर एक आंख से आंसू नहीं पोछूंगा। पंजाब में हम सभी के लिए बहुत बड़ा दिन। मैं पिछले एक साल से केंद्र के साथ इस मामले को उठा रहा था और पीएम नरेन्‍द्र मोदी जी व केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिला था। उनसे हमारे अन्नदाता की आवाज पर ध्यान देने का अनुरोध किया था। वास्तव में खुश हैं कि उन्होंने किसानों को सुना और हमारी चिंताओं को समझा।

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