
BREAKING NEWS : म्यांमार में सैन्य “बगाबत “, प्रेजिडेंट और स्टेट काउंसलर को हिरासत में ले कर देश पर किया अपना कब्ज़ा
म्यांमार (पंजाब 365 न्यूज़) : भारत के पड़ोसी देश म्यांमार से बड़े राजनितिक उठक पठक की खबरे आग पकड़ रही है। म्यांमार में तख़्तापटल की खबरे आग पकड़ रही है। बताया जा रहा है की सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की को उनके ही घर में नज़रबंद कर दिया है। सेना ने सोमवार सुबह सुबह आंग सान सू की और अन्य बड़े नेताओं जैसे प्रेजिडेंट यु विन मिंट के साथ कई सीनियर नेताओं और अफसरों को हिरासत में ले लिया है। गौरतलब है कि म्यांमार की सबसे बड़ी नेता सूकी और सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं को हिरासत में लिए जाने की खबर आ रही है। बताया जा रहा है वहां की सेना ने एक साल के लिए देश को कण्ट्रोल कर लिया है। अब देश को सैन्य कमांडर इन चीफ संभालेंगे। बताया जा रहा है की सु और उनकी पार्टी के अध्यक्ष को आज सुबह -सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है।
आंग सान सू की :
19 जून 1945 को रंगून (यंगून) में पैदा हुईं आंग सान सू की को संघर्ष करने का जज्बा विरात में मिला है। उनके पिता ने आधुनिक बर्मी सेना की स्थापना कि और बर्मा (म्यांमार) की स्वतंत्रता के लिए बातचीत की लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। पिता की मौत ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सू की के जज्बे को और मजबूत किया और इसके लिए उन्होंने कई वर्षों की यातना सहीं।
म्यांमार की नेता आंग सान सू की को हिरासत में लिया गया। म्यांमार में पिछले कुछ समय से सरकार और सेना के बीच तनाव की खबरों के मध्य यह कदम उठाया गया। म्यांमार में तख्तापलट पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की धमकी दी।WHITE HOUSE की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘अमेरिका को उन रिपोर्ट्स को लेकर चिंता है जिसमें बर्मा (म्यांमार) की सेना की ओर सेआंग सान सू की और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दमन के कदम उठाए गए हैं।
नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर जेकसुलिवान ने स्थिति के बारे में राष्ट्रपति बाइडेन को ब्रीफ किया है। हम बर्मा (म्यांमार) के लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रति पूरा समर्थन जारी रखेंगे.म्यांमार की सेना और अन्य पार्टियों से लोकतांत्रिक नियमों और कानून व्यवस्था का पालन करने की अपील करते हैं। ‘ हम आज हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की अपील करते हैं. अमेरिका हाल में हुए चुनाव के परिणामों को किसी भी तरह से ‘बदलने’ की कोशिश का विरोध करता है। यदि इन कदमों को वापस न लिया गया इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। हम स्थिति पर नजर जमाए हुए हैं और बर्मा (म्यांमार) के उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने लोकतंत्र और शांति के लिए लंबा संघर्ष किया है ।