HBD Jagjit ji: When Jagjit ji

HBD जगजीत जी : बेटे की मौत की खबर से जब महीनो खामोश हो गए थे जगजीत जी

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जगजीत स्पेशल ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : गजलों का नाम लिया जाये और जगजीत सिंह का नाम न आये ऐसा कभी हो ही नहीं सकता। अपनी गजलों के दम पर पुरे संसार में नाम कमाने वाले जगजीत बेशक आज हमारे बीच नहीं है लेकिन ऐसा कोई नहीं होगा जो उनकी गजलों से अवगत नहीं होगा। जगजीत सिंह की रूहानी आवाज का जादू आज भी हर उम्र के लोगों पर चलता है। हालांकि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्हें बी ग्रेड सिंगर का दर्जा दिया गया था। गजल सम्राट जगजीत सिंह (Jagjit Singh) बेशक आज हमारे बीच न हो लेकिन उनकी रूहानी आवाज हमेशा हमारे बीच अमर रहेगी।
दरअसल 1990 में जगजीत सिंह और चित्रा के बेटे विवेक सिंह का कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था। 20 साल के बेटे को खो देने से जगजीत सिंह एकदम टूट चुके थे और उन्होंने गायिकी छोड़ने का फैसला लिया। लेकिन लिजेंड्री लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के साथ उन्होंने एक बार फिर कमबैक किया। लता मंगेशकर का हाल में ही 92 वर्ष की उम्र में निधन हुआ। संगीत जगत के दो महारथी लता मंगेशकर और जगजीत सिंह की जोड़ी काफी हिट साबित हुई थी। दोनों ने कई गीत व गजल साथ में गाई थी। सुनिए जगजीत सिंह की 81वीं बर्थ एनिवर्सरी (Jagjit Singh Birth Anniversary) पर जगजीत सिंह और लता मंगेशकर के शानदार गीत और गजलें।
8 फरवरी 1941 में राजस्थान के श्री गंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह (Jagjit singh Birth) शुरुआत में पेट भरने के लिए शादी और पार्टी में गाया करते थे। पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर परिवार को बिन बताए वह मुंबई आ गए। संगीत की दुनिया में जिस समय किशोर कुमार, मोहम्मद रफी जैसे स्थापित सिंगर्स का बोलबाला था उस समय जगजीत सिंह ने गजलों (Jagjit Singh Ghazals) के साथ अपनी पहचान बनाईं। दुनियाभर में लोग उन्हें गजल सम्राट के नाम से जानते हैं। जगजीत सिंह की एक खासियत और भी थी. दरअसल, वह जब भी कोई लाइव कॉन्सर्ट करते उसमें एक गजल पूरी होने के बाद या कोई दूसरी गजल शुरू करने से पहले दर्शकों को जोक्स सुनाना शुरू कर देते थे. ऐसे में
उनके लाइव कॉन्सर्ट में हमेशा ही भारी-भरकम भीड़ उमड़ पड़ती थी. लेकिन एक समय था जब उन्होंने गायिकी छोड़ देने का फैसला किया था। गायन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए 1965 में जगजीत सिंह मुंबई आए। शुरुआती दिनों में मुंबई में उनके पास रहने और खाने के लिए पैसे नहीं थे। मजबूरी में घर चलाने के लिए वे शादियों में गाने गाया करते थे।1976 में जगजीत सिंह और चित्रा सिंह ने अपना एलबम ‘द अनफॉरगेटेबल’ रिलीज किया, जिसकी जमकर सराहना हुई। इस एलबम के गानों ने जगजीत सिंह और चित्रा सिंह को स्टार बना दिया। इसके बाद जगजीत सिंह और चित्रा सिंह एक साथ कॉन्सर्ट करने लगे। साल 1980 आते-आते जगजीत सिंह गजल सम्राट बन चुके थे। अर्थ, प्रेमगीत, लीला, सरफरोश, तुम बिन, वीर जारा, जिस्म और जॉगर्स पार्क वो फिल्में हैं जिनके गानों को उन्होंने अपनी आवाज दी है। जगजीत सिंह ने 1969 में मशहूर गायिका चित्रा सिंह से लव मैरिज की थी।


लव स्टोरी :
वैसे, जगजीत सिंह सिर्फ अपनी गजलों के कारण ही नहीं, बल्कि निजी जिंदगी की वजह से भी काफी सुर्खियों में रहा करते थे. पत्नी चित्रा के साथ उनकी लव स्टोरी ने भी हमेशा लोगों का ध्यान खींचा। आपको बता दे की जगजीत और चित्रा सिंह ने एक बहुत ही साधारण समारोह में शादी की जो केवल दो मिनट तक चली और उसकी कीमत सिर्फ ₹30 थी।
जगजीत और चित्रा की मुलाकात भी काफी दिलचस्प थी. वह अक्सर चित्रा के पड़ोसी के घर रिकॉर्डिंग के लिए जाते थे. एक बार चित्रा ने उनकी आवाज सुनी और पड़ोसियों से इस आवाज के बारे में पूछा, जिस पर वह जगजीत सिंह की खूब तारीफें करने लगे. हालांकि, उस समय चित्रा ने कहा था कि उन्हें ये आवाज कोई खास पसंद नहीं आई।
एक बार जगजीत, महिंदर सिंह के साथ चित्रा के घर पर भी रिकॉर्डिंग के लिए गए थे. इस दौरान दोनों को एक डुएट परफोर्म करने के लिए कहा गया, लेकिन चित्रा ने इसके लिए इंकार कर दिया. इसके बाद जगजीत और चित्रा की मुलाकात 1967 में एक स्टूडियो में हुई, जहां दोनों ही रिकॉर्डिंग के लिए पहुंचे थे. इस दौरान दोनों ने काफी बातें भी कीं।

रिकॉर्डिंग के बाद चित्रा ने जगजीत सिंह से कहा कि उनका ड्राइवर उन्हें घर ड्रॉप कर देगा, जिसके लिए वह भी तैयार हो गए. इसके बाद चित्रा ने उन्हें चाय पर अपने घर बुलाया. जब वह जगजीत सिंह के लिए चाय बना रही थीं तब वह बाहर कमरे में बैठे एक गजल गुनगुना रहे थे, जिसे सुनकर पहली बार चित्रा उनकी आवाज से काफी प्रभावित हुई थीं. कहते हैं कि यहीं से दोनों की दोस्ती बढ़ने लगी और इन्होंने अक्सर मिलना शुरू कर दिया
बाद में जगजीत और चित्रा ने मिलकर साथ कई गनों और गजलों में आवाज दी. जहां एक ओर जगजीत की आवाज में एक भारीपन था, वहीं, चित्रा की आवाज बहुत पतली और मासूम सी थी. इसी कारण चित्रा उनके साथ डुएट करने से घबराती भी थीं. हालांकि, जब दोनों डुएट के लिए साथ आए तो इन्हें काफी पसंद किया गया।


जगजीत ने मांगी थी पहले पति से इजाजत :
जगजीत और चित्रा का रिश्ता धीरे-धीरे प्यार तक जा पहुंचा. वहीं, चित्रा और उनके पति देबू भी एक दूसरे से अलग हो गए. देबू किसी और से प्यार करते थे और चित्रा से उन्होंने आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया. 1970 में देबू ने दूसरी शादी कर ली. लेकिन इसके बावजूद जगजीत सिंह ने चित्रा से तभी शादी की जब उन्हें देबू की इजाजत मिल गई.
इसे जगजीत सिंह की मासूमियत ही कहेंगे कि वह चित्रा से शादी करने के लिए देबू के पास उनका हाथ मांगने के लिए गए. उनकी इस हरकत पर देबू को भी नाज हो गया. उन्होंने मुस्कुराते हुए जगजीत सिंह से कहा, ‘मैं अब आगे निकल चुका हूं. चित्रा अपने फैसले लेने के लिए आजाद हैं.’ इसके बाद ही उन्होंने चित्रा से शादी कर ली.
लेकिन जगजीत अपने बेटे की मौत का सदमा सहन नहीं कर पा रहे थे। साल 1980 में जगजीत सिंह के बेटे विवेक की महज 20 साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उस शाम वह एक महफिल में गजल गा रहे थे। यह महफिल अपने अंतिम चरण में थी कि तभी अभिनेत्री अंजू महेंद्रू ने जगजीत सिंह से ‘दर्द से मेरा दामन भर दे’ गजल सुनाने की फरमाइश की। इस गजल को गाते हुए वे रो पड़े थे। गजल पूरी होने के बाद उन्हें अपने बेटे के एक्सीडेंट की खबर मिली। जवान बेटे की मौत का सदमा जगजीत और चित्रा को कुछ इस कदर लगा कि जगजीत सिंह ने अगले आठ महीनों तक खामोशी अख्तियार कर ली और चित्रा ने गाने से ही संन्यास ले लिया। सीने में बेटे की मौत का सदमा दबाए बैठे जगजीत सिंह जब वापस गजल गायकी की दुनिया में लौटे तो उनकी आवाज में किसी के खोने का दर्द कई गुना बढ़ा हुआ नजर आया।

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