
जानिए भारत और यूक्रेन में कितने लाख में होती है MBBS की डिग्री
एनालिसिस ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : हर माँ बाप का सपना होता है की उनका बेटा-बेटी भी पढ़ लिख कर डॉक्टर बने। लेकिन हर माँ बाप का सपना पूरा नहीं हो पाता है। क्योकि भारत में MBBS,की डिग्री पर इतना पैसा लगता है की गरीब लोगो के बच्चे इस डिग्री को कर नहीं पते है और वो ऐसा जरिया ढूंढते है यहां उनकी फीस कम हो। जानकारों का कहना है कि भारत में एमबीबीएस के कोर्स का खर्च (mbbs fees in india) इतना महंगा है कि यहां अमूमन एक प्राइवेट कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स (mbbs course) पूरा करने पर लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च आता है। वहीं, यूक्रेन में इससे एक चौथाई खर्च यानी लगभग 25 लाख रुपये में ही यह पूरा हो जाता है। आपको जानकर ये हैरानी होगी की यूक्रेन में भारतीयों की स्नाख्या MBBS,की पढ़ाई करने वालो की हज़ारो में है। किसी ने नहीं सोचा था की वहां जंग छिड़ जाएगी। जबकि यूक्रेन में जंग के हालातों के बीच सैकड़ों भारतीय वहां फंस हुए हैं ,जो जल्द से जल्द अपने वतन लौटना चाहते हैं। इनमें ऐसे भारतीयों की संख्या भी काफी ज्यादा है जो यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए गए थे। यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, वहां 18,095 भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. इनमें से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) के हैं. विशेषज्ञों का कहना है, यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई के लिए पहुंचते हैं. भारत के मुकाबले यूक्रेन में एमबीबीएस करना ज्यादा सुविधाजनक है।
यूक्रेन में सुविधाजनक MBBS,की पढ़ाई :
यूक्रेन में इस वक्त यूपी के आगरा, संभल, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, कासगंज, एटा समेत कई जिलों के छात्र फंसे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक, यूपी के करीब 3000 छात्र यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. आपको बता दें कि बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन पहुंचते हैं. कई भारतीय छात्र मानते हैं कि भारत के मुकाबले यूक्रेन से एमबीबीएस करना ज्यादा सुविधाजनक है।
यूक्रेन में जंग (Russia Ukraine war) के हालातों के बीच सैकड़ों भारतीय वहां फंस हुए हैं. इनमें ऐसे भारतीयों की संख्या भी काफी ज्यादा है जो यूक्रेन डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए पहुंचे थे. यूक्रेन के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, वहां 18,095 भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. इनमें से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) के हैं. विशेषज्ञों का कहना है, यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई के लिए पहुंचते हैं. भारत के मुकाबले यूक्रेन में एमबीबीएस करना ज्यादा सुविधाजनक है.
यहां के MBBS की दुनियाभर में मान्यता
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यूक्रेन से किए जाने वाले MBBS की दुनियाभर में मान्यता है. इंडियन मेडिकल काउंसिल, वर्ल्ड हेल्थ काउंसिल, यूरोप और यूके में यहां की डिग्री की वैल्यू है. इस तरह यहां से एमबीबीएस करने वाले स्टूडेंट्स को दुनिया के ज्यादातर देशों में काम करने का मौका मिलता है. भारतीय स्टूडेंट्स के यूक्रेन से एमबीबीएस करने की यह भी एक बड़ी वजह है.
यूक्रेन में पढ़ाई है सस्ती :
अगर भारत के प्राइवेट कॉलेजों की बात करें तो यहां एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए सालाना 10 से 12 लाख रुपये तक फीस ली जाती है. वहीं करीब 5 साल तक एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के लिए स्टूडेंट्स को फीस के नाम पर 50 से 60 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जबकि, यूक्रेन में ऐसी स्थिति नहीं है. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए आपको केवल सालाना 4 से 5 लाख रुपए की जरूरत होती है. यानी 5 साल तक पढ़ाई पूरी करने का कुल खर्च भारत के मुकाबले काफी कम है.
यूक्रेन में नहीं दिया जाता मार्क्स को महत्त्व:
भारत में एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए नीट की परीक्षा ली जाती है. परीक्षा में मिले मार्क्स के हिसाब से स्टूडेंट्स को सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन दिया जाता है. भारत में एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए नीट का स्कोर काफी मायने रखता है. जबकि, यूक्रेन में स्टूडेंट्स का नीट में सिर्फ क्वालिफाई करना ही काफी है. वहां मार्क्स को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता, इसलिए भी भारतीय स्टूडेंट्स एमबीबीएस करने के लिए यूक्रेन का रुख करते हैं.
सिर्फ यूक्रेन एकमात्र विकल्प :
एमबीबीएस करने वाले एक स्टूडेंट का कहना है, भारत में एमबीबीएस के लिए जितनी भी सीटें हैं उससे कई गुना अधिक स्टूडेंट्स नीट परीक्षा में बैठते हैं. सीटों की कमी के कारण जो स्टूडेंट्स यहां दाखिला नहीं ले पाते हैं उनके पास यूक्रेन का विकल्प रहता है. यूक्रेन से एमबीबीएस करने वाले ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या भी कम नहीं है.