
काबुल में लगे “पाक़िस्तान मुर्दाबाद ” के नारे जानिए क्यों ?
काबुल (पंजाब 365 न्यूज़ ) : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद अफगान नागरिकों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। वहां के लोग जल्द से जल्द देश छोड़कर शरणार्थी बन के कहीं और जाना चाहते हैं लेकिन अब तालिबान और अफगानिस्तान के आंतरिक मुद्दों पर पाक़िस्तान अपनी राजनितिक रोटियां सेक रहा है। अब अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दखल के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है। काबुल में महिलाओं ने बीती रात पाकिस्तान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसे तालिबान के जुल्मों और पाकिस्तान की घुसपैठ के खिलाफ प्रदर्शन बताया जा रहा है। वैसे तो अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में महिलाएं पिछले कई दिनों से अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन काबुल में पहली बार रात में प्रदर्शन हुए हैं।
बता दें तालिबान ने पंजशीर की जंग जीतकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा होने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से ये लड़ाई जीती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के सैनिकों ने तालिबान के मिलकर पंजशीर में रेजिस्टेंस फोर्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
तालिबान भले ही पंजशीर को जीतने का दावा कर रहा हो, लेकिन वहां जंग जारी रहने की खबरें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर में कुछ सैन्य विमानों ने तालिबानी ठिकानों पर हमला किया है। यह साफ नहीं हो पाया है कि ये विमान किस देश के हैं। इससे पहले सोमवार को तालिबान ने कहा था कि उसने पंजशीर भी जीत लिया है और अब पूरा अफगानिस्तान उसके कब्जे में हैं। दूसरी तरफ रेजिस्टेंस फोर्स ने भी हार नहीं मानी है।
तालिबान ने रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद के मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी है। तालिबान ने मीडिया को यह फरमान अहमद मसूद के उस वीडियो मैसेज के बाद सुनाया है, जिसमें मसूद ने पंजशीर के साथ ही पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ने की अपील की है।
बता दें मसूद ने सोमवार को मीडिया को भेजे गए एक ऑडियो मैसेज में अफगानी लोगों से कहा, ‘आप देश के अंदर हों या बाहर, मैं आप लोगों से अफगानिस्तान की गरिमा, स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए राष्ट्रीय विद्रोह शुरू करने का आह्वान करता हूं।’