
” Bulli Bai App”जानिए क्या है पूरा मामला : यहाँ होती थी मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाज़ी
क्राइम ( पंजाब 365 न्यूज़ ) : हर रोज हम नए नए ऐप के बारे में सुनते है लेकिन क्या आपने किसी ऐसे ऐप के बारे में सुना जिस ऐप के जरिये महिलाओं की सौदेबाज़ी हो रही हो। सब लोग उस समय ये मामला जानकार हैरान रह गए जब ऐसा मामला अपने ही देश भारत में सामने आये। देखते ही देखते इस मामले ने आग पकड़ ली। बुल्ली बाई नाम का एक ऐप तब सुर्ख़ियों में आया जब इसकी शिकायत की गयी।Bulli Bai पर मुस्लिम महिलाओं के मानसिक उत्पीड़न का मामला तब सामने आया जब एक महिला पत्रकार ने ट्विटर पर अपनी आपबीती साझा की. इस ऐप को डेवलेप करने वाले लोगों ने इस महिला पत्रकार की फोटो Bulli Bai ऐप पर शेयर कर दी है, और इस पत्रकार के लिए लोग sexist और misogynist कमेंट लिख रहे हैं।
Bulli Bai नाम का एक ऐप सोशल मीडिया पर नफरत फैला रहा है. Bulli Bai सोशल मीडिया पर कुछ एंटी सोशल लोगों की ताजा-ताजा बदमाशी है, जहां पर ये लोग अपना मानसिक कचरा फैला रहे हैं. इस ऐप पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है, और उनके खिलाफ नफरत और गंदी-गंदी बातें लिखी जा रही हैं।
मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाजी करके एक ऐप इन दिनों विवादों के घेरे में है। नाम है… बुल्ली बाई ऐप। जहां कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करके अपमानित किया जा रहा है। इस ऐप की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है।
दिल्ली से लेकर मुंबई तक महिलाओं ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। GitHub पर ‘Bulli Bai’ नाम का ऐप क्रिएट कर उसपर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फोटोज डाली गईं। फिर उनकी ‘बोली’ लगाई गई। मामला सामने आने के बाद, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऐप बनाने वाले यूजर को GitHub पर ब्लॉक कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई पर भी बात चल रही है मगर सवाल यह है कि इंटरनेट पर इस तरह मुस्लिम महिलाओं की ‘बोली’ लगवा कौन रहा है।
ऐसा आरोप है कि बुल्ली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो को डाउनलोड करके नीलामी के लिए पोस्ट किया जाता है और फिर लोगों को मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
बुली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने 21 साल के शख्स को गिरफ्तार किया है, उसकी पहचान विशाल कुमार के रूप में हुई है। मामले में मुख्य आरोपी एक युवती है जिसे उत्तराखंड से हिरासत में लिया गया है। मुंबई पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी एक-दूसरे को जानते हैं।
मुंबई पुलिस के अनुसार, मामले में मुख्य आरोपी महिला बुली बाई ऐप से जुड़े तीन अकाउंट को हैंडल कर रही थी। सह आरोपी विशाल कुमार ने खालसा सुप्रीमेसिस्ट नाम से एक अकाउंट खोला था। 31 दिसंबर को उसने दूसरे अकाउंट्स का भी नाम बदलकर सिख नाम से मिलता-जुलता रख दिया। इसमें फर्जी खालसा अकाउंट होल्डर को दिखाया गया।
कैसे गिरफ्तार हुई मास्टरमाइंड :
बुल्ली बाई एप विवाद के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को 18 वर्षीय श्वेता सिंह को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया और सुर्खियों में कहा गया कि यह युवती इस पूरे केस की मास्टरमाइंड रही. इसके एक दिन पहले जिस 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को बेंगलूरु से गिरफ्तार किया गया था, श्वेता उसकी सहयोगी भी पाई गई. दोनों सोशल मीडिया पर कथित तौर पर तब संपर्क में आए थे, जब दोनों को विचारधारा में समानता दिखी थी. इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों ने मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ वाले वेबपेजों का खेल शुरू किया।
इस मामले को लेकर मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो श्वेता अपने तीन भाई बहनोंं के साथ रुद्रपुर में रहती है और पिछले साल मई के महीने में उसके पिता की मौत कोविड 19 के चलते हो गई थी. इससे पहले 2011 में उसकी मां की मौत कैंसर से हो चुकी थी. उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से एचटी की रिपोर्ट में कहा गया कि श्वेता ‘हिंदुत्व के विचार’ के साथ जुड़ी हुई थी और इस तरह की सामग्री सोशल मीडिया पर अक्सर पोस्ट किया करती थी।
बताया जा रहा है कि GitHub नाम के कोड शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर विवादास्पद वेबपेज होस्टिंग मामले में पहला वेब पेज जुलाई 2021 में सामने आया था जबकि दूसरा बुल्ली बाई नाम से 1 जनवरी को. इन पेजों पर प्रतिष्ठित मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक सामग्री होना पाया गया था, जिससे विवाद ने तूल पकड़ लिया था. इस सिलसिले में ट्विटर के ज़रिये ट्रैस हुए विशाल कुमार झा को पहले गिरफ्तार किया गया और उसके बाद मुंबई की साइबर क्राइम सेल ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर ज़िले में स्थित रुद्रपुर से श्वेता को गिरफ्तार किया।
ऐप 2 मकसद एक :
Bulli Bai और Sulli Deals दोनों में कोई अंतर नहीं है। इन दोनों ऐप्स का मकसद एक ही है- मुस्लिम महिलाओं का मानसिक और शारीरिक शोषण करना। दोनों ऐप्स के नाम मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्द हैं। दोनों पर ही मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें और डीटेल्स अपलोड की गईं। महिलाओं के ट्विटर/इंस्टाग्राम/फेसबुक से जानकारियां और पर्सनल फोटो चोरी कर डाली गईं।