
एक तस्कर ऐसा भी : इलाज़ करवा लौटा जेल लेकिन साथ में इस जगह छुपा कर लौटा तस्करी करने का सामान
कपूरथला (पंजाब 365 न्यूज़ ) : कहते हैं चोर चोरी से जाए हेराफेरी से नहीं। ऐसा ही एक मामला कपूरथला में देखने को मिला है। पंजाब में आये दिन नशा तस्कर पकड़े जाते है लेकिन तस्करी करने से फिर भी बाज़ नहीं आते हैं। पंजाब के कपूरथला जिले में सेंट्रल जेल में बंद एक दिव्यांग हवालाती को पेट दर्द होने पर सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। डिस्चार्ज होने पर उसे वापस जेल लाया गया तो उसका पेट फूला हुआ था। टांग पर पलस्तर लगा था और लड़खड़ाते हुए वॉकर से चल रहा था। CRPF को उसकी चाल पर शक हुआ और इसके बाद उसकी तलाशी ली गई।
प्लास्टर में छुपाई हुई थी नशे की गोलियां :
हवालाती ने टांग पर प्लास्टर के नीचे और वॉकर में नशे की गोलियां छिपा रखी थीं। जब उसका वॉकर खोल कर देखा गया तो उसमें से भी नशे की गोलियां और नकदी मिली। हवालाती से 515 नशीली गोलियां, 150 ग्राम तंबाकू और 800 रुपए मिले। हवालाती ने यह नशा सिविल अस्पताल से कैसे छिपाया, उसे कौन मिलने आया था पुलिस टीम जांच कर रही है। मामले में पुलिस मुलाजिमों की मिलीभगत तो नहीं है, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
चाल देखने पर हुआ शक :
जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट दलबीर सिंह ने बताया कि 10 जून की दोपहर 03:15 बजे हवालाती राजवंत सिंह उर्फ राजू पुत्र अनोख सिंह निवासी खसन्न सिविल अस्पताल कपूरथला में दाखिल था। हवालाती के पेट में दर्द था। टांग पर भी चोट लगी हुई थी। जैसे ही वह सिविल अस्पताल से डिस्चार्ज होकर वापिस लौटा तो CRPF को उसकी चाल पर शक हुआ। उसकी तलाशी के बाद बरामद नशे की गोलियों और नकदी की सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी। थाना कोतवाली पुलिस ने हवालाती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हवालाती के पास नशा कैसे आया, इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेने की तैयारी की जा रही है।
पहले भी 13, मोबाइल किये बरामद :
केंद्रीय जेल कपूरथला में आए दिन जेल के अंदर से नशा व मोबाइल फोन पकड़े जा रहे है। दो दिन पहले ही जेल बैरिकों में तलाशी के दौरान 13 मोबाइल फोन मिले थे। जबकि 4 महीने में 163 मोबाइल मिल चुके है। नशा व मोबाइल जेल में कैसे पहुंच रहा है, इस सवाल का जवाब जेल प्रबंधन के पास भी नहीं है।
अब सवाल ये उठता है की इतनी कड़े इन्तेज़ाम होने के बाबजूद भी ऐसे कैसे हो जाता है की जेल के अंदर से हवालाती तस्करी करने लग पड़ते है और पुलिस को खबर ही नहीं होती। क्या पुलिस सो रही होती है जो उनको पता ही नहीं चलता की उनके हवालती अंदर से तस्करी और मोबाइल इस्तेमाल कर रहे। पुलिस को इन मामलों में और सख्ती दिखानी चाहिए अलर्ट रहना चाहिए।